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पुलिस भर्ती परीक्षा के ठीक पहले एसटीएफ ने पकड़े दो मुन्ना भाई, इतने लाख में पेपर लीक कराने का था ठेका

– पहले भी कई परीक्षाओं के पेपर करा चुके थे आउट

झांसी,  (हि.स.)। एसटीएफ और झांसी पुलिस की संयुक्त टीम ने झांसी में आयोजित हो रही पुलिस भर्ती परीक्षा के मुन्ना भाइयों को परीक्षा बाधित करने से ठीक पहले ही पकड़ लिया। पुलिस ने उनके पास से कुछ प्रवेश पत्र, आधार कार्ड व तीन मोबाइल समेत दो लग्जरी कारें भी बरामद की है। यह दोनों कारों में से एक सांवली जिला और दूसरी झारखंड जनपद की बताई जा रही है। अन्य फरार साथियों की तलाश की जा रही है।

एसटीएफ नोएडा ने शुक्रवार की शाम झांसी पुलिस लाइन के पास से दो मुन्ना भाइयों को दबोच लिया।

एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि पिछले 14 फरवरी से एसटीएफ की टीम इन मुन्ना भाईयों के पीछे लगी हुई थी। मोबाइल सर्वेलांस की सहायता से यह सामने आया था कि भारी भरकम रकम के बदले पेपर लीक से लेकर तैयारी करवाने तक का ठेका लिया था। यही नहीं इसके लिए यहां से लेकर मथुरा तक पूरी तैयारी करते हुये अभ्यर्थियों के नाम व रोल नम्बर तक की सूची तक तैयार की गई थी जो दर्जनों में थे। इन दोनों गिरफ्तार जालसाजों के अन्य साथी फरार बताए जा रहे हैं। उन सभी की तलाश एसटीएफ और नवाबाद थाना पुलिस की टीमें करने में जुटी हुई हैं। पुलिस हिरासत में आए दोनों मुन्नाभाइयों के पास से यूपी 19 जे 5225 काले रंग की स्कॉर्पियो एवं जेएच 12 के 5777 सफेद रंग की फॉर्च्यूनर कार बरामद हुई है। स्कॉर्पियो कार शामली निवासी मोनू कुमार व फॉर्च्यूनर कार रजनीश उर्फ रंजन निवासी बिहार की बताई जा रही है। इन्हें नवाबाद थाने में रखा गया है। दोनों के पास से प्रवेश पत्र की 10 प्रतियां, 3 मोबाइल, 2 आधार कार्ड मय ड्राइविंग लाइसेंस के बरामद की है।

 

एसटीएफ के उपनिरीक्षक अक्षय परमवीर कुमार त्यागी द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर पुलिस ने सांवली मोनू कुमार, बिहार निवासी रजनीश रंजन, मथुरा निवासी मोनू पंडित और झांसी रजत, आशीष पालीवाल व अतुल पालीवाल के खिलाफ 420, 467, 468 समेत तमाम सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।

 

गौरतलब है कि प्रदेश में 60 हजार पदों के लिए झांसी में 88 हजार अभ्यर्थी पुलिस भर्ती परीक्षा में शिरकत करेंगे। दो दिनों में 4 पालियों में सम्पन्न होने वाली इस परीक्षा में करीब 87 हजार अभ्यर्थी झांसी के 47 केंद्रों पर परीक्षा में शामिल होने जा रहे हैं। इसे शांति एवं सुचितापूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने के लिए 16 सेक्टर व 55 स्टेटिक मजिस्ट्रेट तैनात किये गए हैं। जो परीक्षा पर पूरी तरह से नजर बनाए हुए हैं।

 

मोनू कुमार ने बताया कि दो वर्ष पूर्व टीईटी का पेपर मोनू पंडित ने भेजा था जिसे उसके द्वारा आशीष पालीवाल, अतुल पालीवाल, रजत व मिथुन को भेजा गया था। इसके अतिरिक्त 2023 में राम मनोहर लोहिया अस्पताल की परीक्षा जो झांसी के रघुनाथ प्रसाद तिवारी लैब में हुई थी जो रिमोट एक्सेस से करायी जानी थी किन्तु सर्वर डाउन होने के चलते परीक्षा नहीं हो पायी थी। हरियाणा वैटनरी की परीक्षा का पेपर मोनू लेकर आया था जिसके लिये प्रति अभ्यर्थी 8 लाख रुपये लिये गये थे। बाद में यह परीक्षा निरस्त हो गयी।

 

30 से अधिक अभ्यर्थियों को पढ़वाना था पेपर

मोनू कुमार ने बताया कि वह अपने गैंग के साथी मोनू पंडित निवासी मथुरा, रजत , आशीष पालीवाल व अतुल पालीवाल को आगरा, मथुरा व नोएडा से लेते हुए दिल्ली जाने वाला था। वहां वह सोनू व रवि द्वारा लेकर आने वाले को 21 अभ्यर्थियों को पेपर और दूर रहने वाले अभ्यर्थियों को वीडियो कॉल पर पेपर पढ़वाने वाला था।

 

उप्र सिपाही भर्ती के लिए 8 से 10 लाख रुपये का था रेट

मोनू कुमार ने बताया कि 17 और 18 फरवरी में आयोजित होने वाली उप्र सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए 8 से 10 लाख रुपये प्रति अभ्यर्थी का रेट तय किया गया था। इस प्रकार से कुल करीब 30 से 40 अभ्यर्थियों तक पेपर पहुंचाने का काम किया जाना था। आप अंदाजा लगा सकते है कि धोखाधड़ी की कमाई की कीमत करोड़ों में थी। जिसे एसटीएफ ने होने से पहले समाप्त कर दिया।

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