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पितृ अमावस्या 14 अक्टूबर को विदा होंगे पुरखे, जानिए कैसे करें पुरखों की विदाई

कानपुर,13अक्टूबर (हि.स.)। पितर पक्ष शनिवार को 14 अक्टूबर को सर्व पितृ अमावस्या के साथ विदा हो जाएंगे। कानपुर नगर में गंगा के विभिन्न घाटों पर पितरों की विदाई के करने के लिए भारी संख्या में लोग पहुंचेगे। जिसे लेकर आज पुख्ता इंतजाम किये जा रहे हैं।

भारतीय ज्योतिष कर्मकांड महासभा के अध्यक्ष केसी पांडेय ने बताया कि सनातन धर्म से जुड़े परिवार अपने घर या गंगा तट पर पहुंचकर पितरों का तर्पण करें एवं उनकी पूजा अर्चना करने के बाद क्षमा मांगते हुए पुनः: लौटने एवं आर्शीवाद मांगते हुए उनका तर्पण करके परलोक के लिए विदाई करें।

विद्वान पंडित ने बताया कि श्राद्ध अमावस्या पर परिवार के किसी सदस्य का इस वर्ष अचानक निधन हो गया है। तो ऐसी पुण्य आत्मा के लिए पहला श्राद्ध गंगा के किसी घाट पर करना चाहिए। ऐसे लोगों के लिए जल पत्तल निकाला जाय।

विद्वान पंडित ने बताया कि इस मौके पितृ अमावस्या के दिन सुबह स्नान करने के बाद गायत्री मंत्र का जाप करते हुए सूर्यदेव को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि इससे पितर तृप्त होते हैं। पितृ विसर्जन की अमावस्या के मौके पर ज्ञात-अज्ञात सभी पुरखों को याद करते हुए उनके नाम पर तर्पण, दान और दीपदान करना चाहिए। यदि 16 दिन यादि कोई किसी कारण बस श्राद्ध नहीं कर पाया है तो उसे अमावस्या के दिन तर्पण करना चाहिए।

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