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पाल्हापुर हत्याकांड : 90 मिनट तक हत्यारे ने खेली थी खून की होली, एक दो नहीं बल्कि पांच गोलियां….

-एक दो नहीं बल्कि पांच गोलियां चलाई थीं हत्यारे थे
-भाई के अलावा नहीं निकला कोई दूसरा कत्ल में शामिल
-आईजी लखनऊ ने ग्राम पाल्हापुर सामूहिक हत्याकांड का किया खुलासा

सीतापुर। थाना रामपुर मथुरा के ग्राम पाल्हापुर में हुए नरसंहार में करीब 90 मिनट तक हत्यारे ने हत्या का खूनी खेल खेला था। उसने एक-एक करके सभी को मौत के घाट उतारा था। सबसे पहले भाभी की हत्या की थी। फिर मां को मौत के घाट उतारा। उसके बाद भाई को और फिर एक-एक कर तीनांें मासूम बच्चों को। हत्या का मुख्य कारण कुछ और नहीं बल्कि बैंक का 24 लाख लोन था।

आईजी रेंज लखनऊ तरूण गाबा ने गुरूवार को पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र की मौजूदगी में पाल्हापुर में हुए नरसंहार का खुलासा पुलिस लाइन सभागार में किया। आईजी के मुताबिक अजीत सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसके पिता वीरेन्द्र सिंह का लगभग 01 वर्ष पूर्व निधन होने के पश्चात उसकी तथा उसके भाई अनुराग सिंह के बीच पैसे व जमीन को लेकर कहासुनी, वाद-विवाद होने लगा। अनुराग सिंह, जो एक पढ़ा-लिखा युवक होने के बावजूद लगातार शराब के सेवन का आदी था, जिसके कारण अजीत सिंह स्वयं को समाज में अपमानित महसूस करता था। अजीत सिंह के पिता के द्वारा के0सी0सी0 लोन की कुल 24 लाख की रकम बकाया थी, जिसका भुगतान करने से पूर्व ही अजीत सिंह के पिता की मृत्यु हो गयी। अजीत सिंह के अनुसार लोन की रकम कौन चुकायेगा, इस बात को लेकर अजीत सिंह व अनुराग सिंह तथा अनुराग सिंह की पत्नी प्रियंका सिंह के बीच कई बार वाद-विवाद हुआ। अनुराग सिंह के द्वारा गर्मी के अंत में तरबूज की फसल की बिक्री के बाद अपने हिस्से का लोन चुकाने का वादा किया गया था। 10 मई 2024 की शाम को अजीत सिंह अपने गांव पाल्हापुर आया जहां उसकी मां सावित्री सिंह व भाभी प्रियंका सिंह द्वारा उसे बताया गया कि वह (अनुराग सिंह) लोन चुकाने में असमर्थ है। इस बात पर अजीत सिंह गुस्से से भर गया।

केवल भाई व भाभी की करना चाहता था हत्या
उसने शाम के समय घर में बनी खिचड़ी में नींद की 04-05 गोलियां मिला दीं और सभी के सोने का इंतजार करने लगा। अजीत सिंह के द्वारा बताया गया कि उसका उद्देश्य अपने भाई व भाभी की हत्या करना था। मां व बच्चों को केवल नींद की गोली देकर सुलाना चाहता था। तत्पश्चात् अजीत सिंह को पता चला कि परिवार के सभी लोग बाहर से खाना खाकर आये हैं और किसी के द्वारा भी उस खिचड़ी को नहीं खाया गया। अजीत सिंह प्रथम तल पर बने अपने कमरे में जाकर लेट गया। रात्रि 02 बजे के पश्चात् अजीत सिंह के द्वारा प्रथम तल पर बने प्रियंका सिंह व बच्चों के कमरे का बिजली का मेन पावर स्विच ऑफ कर दिया गया, जिससे गर्मी के कारण प्रियंका सिंह कमरे से बाहर आ गयी, जहां अजीत सिंह ने उसकी हत्या कर दी। तत्पश्चात् गोली की आवाज सुनकर जगने के कारण मां की हत्या की गयी। फिर अनुराग सिंह के कमरे में उसकी हत्या की गयी तत्पश्चात् अजीत सिंह ने बड़ी लड़की आर्ना सिंह को साथ ले जाकर यह समझाने की कोशिश की कि उसके पिता द्वारा मां व पत्नी की हत्या कर स्वयं आत्महत्या की है, किन्तु बड़ी लड़की आर्ना सिंह नहीं मानी और चिल्लाने लगी। अन्य दोनों बच्चे भी चिल्लाने लगे। अतः अजीत सिंह द्वारा तीनों को बारी-बारी ले जाकर छत से फेंक दिया गया। फिर नीचे आकर उनके तब तक जिन्दा होने के कारण पुनः हत्या का प्रयास किया गया।

ताई के चिल्लाने पर आए थे ग्रामीण
इसके पश्चात उसके द्वारा फोन करके अपनी पत्नी, अपने अन्य रिश्तेदारों व गांव के अन्य व्यक्तियों को अपनी बनायी हुई कहानी बतायी गयी। यह सभी फोन कॉल प्रातः 04.15 बजे से 05.00 बजे के बीच की गयी। लगभग 05.00 बजे अजीत सिंह के पड़ोस में रहने वाली ताई के चिल्लाने पर गांव के लोग बड़ी संख्या में धीरे-धीरे एकत्र हो गये। अजीत सिंह के रिश्तेदार मौके पर पहुंच गये। उनके द्वारा देखा गया कि 02 बच्चों की मृत्यु तब तक नहीं हुई थी और उनके शरीर में कुछ हरकत बाकी थी। अतः ग्रामीणों द्वारा दोनों बच्चों को अनुराग सिंह की कार द्वारा महमूदाबाद ले जाया गया, जहां पहुंचकर एक बच्चे की मृत्यु हो गयी व एक बच्चे को ट्रामा सेंटर लखनऊ भेजा गया, जहां पहुंचने से पहले उसकी भी मृत्यु हो गयी। यह प्रकाश में आया है कि अजीत सिंह के द्वारा गाड़ी की चाभी देने में भी काफी समय व्यतीत किया गया।

पुलिस को जो अब तक बरामद हुए हथियार
एफ0एस0एल0 टीम द्वारा मौके से एक हथौड़ा, मृतक अनुराग के कमरे से एक 315 बोर तमंचा व 08 जिन्दा कारतूस बरामद किये गये। घर के विभिन्न स्थानों से 04 खोखा कारतूस भी बरामद किये गये व एफ0एस0एल0 टीम द्वारा तमंचे में फंसा एक खोखा कारतूस, शवों से ब्लड सैम्पल, डी0एन0ए0 सैम्पल, रक्त रंजित कपड़े व अन्य सम्बन्धित सामान भी बरामद करके जांच हेतु एफ0एस0एल0 लैब भेजा गया ।

दो गोली ने खोल दी आत्महत्या की पोल
12 मई 2024 को सुबह पुलिस को सभी मृतकों की पी0एम0 रिपोर्ट प्राप्त हुई, जिसमें 03 मृतकों (अनुराग सिंह, उनकी पत्नी प्रियंका सिंह, पुत्री आर्ना सिंह ) को फायर आर्म इंजरी तथा सभी 06 मृतकों के कन्ट्यूजन व अब्रेजन के निशान चेहरे व अन्य शरीर के भागों से पाये गये। विभिन्न शवों पर इसके अतिरिक्त भी कतिपय चोट के निशान पाये गये। अनुराग सिंह की पी0एम0 रिपोर्ट से यह जानकारी हुई कि अनुराग सिंह के सिर में 02 गोलियां लगी हैं व सिर पर हथौड़े का वार भी है। उपरोक्त पी0एम0 रिपोर्ट के गहराई से अध्ययन से यह ज्ञात हुआ कि अनुराग सिंह, जिसके द्वारा सभी की हत्या करते हुए स्वयं आत्महत्या करना अजीत सिंह के द्वारा बताया गया था, उसके सिर में 02 गोलियां पाया जाना इंगित करता है कि उसकी हत्या की गयी है । पी0एम0 रिपोर्ट से उपरोक्त जानकारी होने पर थाना रामपुर मथुरा पुलिस, एस0ओ0जी0 टीम व एस0टी0एफ0 की टीम के द्वारा अजीत सिंह, उसकी पत्नी विभा सिंह व गांव के अन्य व्यक्तियों से पूछताछ की प्रक्रिया प्रारम्भ की गयी । पूछताछ के क्रम में सभी प्रकार के साक्ष्यों, सभी सम्बन्धित व्यक्तियों की सीडीआर तथा पी0एम0 रिपोर्ट के आधार पर अजीत सिंह से गहराई से पूछताछ की गयी, जिसमें उसके द्वारा स्वयं सम्पूर्ण घटना कारित करना तथा पुलिस व मीडिया को गुमराह करके सबूतों से छेड़छाड़ करते हुए घटना को हत्याध्आत्महत्या का रूप देना स्वीकार किया गया है ।
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