– क्या होगा नरेंद्र, कैलाश, प्रहलाद, राकेश और फग्गन का ?
भोपाल, (ईएमएस)। मध्यप्रदेश में इस बार पिछले सारे चार विधानसभा चुनाव के वोटिंग के रिकार्ड टूटे हैं। प्रदेश में इस बार 76.22 प्रतिशत वोटिंग हुई है। इस बार प्रदेश की पांच हाई प्रोफाइल दिमनी, नरसिंहपुर, जबलपुर (पश्चिम), इंदौर क्रमांक-एक और निवास सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा के तीन केंद्रीय मंत्री नरेंद्र ङ्क्षसह तोमर, प्रहलाद सिंह पटेल, फग्गनसिंह कुलस्ते, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और सांसद राकेश सिंह का राजनीतिक भविष्य दांव पर है। सबकी नजरें इन दिग्गजों हार-जीत पर लगी हुई हैं।
-दिमनी-नरेंद्र सिंह तोमर पर सबकी नजर
मुरैना जिले की दिमनी विधानसभा सीट, जहां केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर चुनाव मैदान में हैं। इस सीट पर 15 साल बाद वोटिंग प्रतिशत घटा है। पिछले चार चुनावों में हर बार इस सीट पर वोटिंग का प्रतिशत 3 से 5 फीसदी तक बढ़ा है। लेकिन इस बार यहां 4 प्रतिशत कम वोटिंग हुई है। पिछले चार चुनावों के नतीजों में यहां दो बार भाजपा, एक-एक बार बसपा और कांग्रेस जीती है। इस सीट पर नरेंद्र सिंह तोमर क्या होगा, इस पर सबकी नजरें लगी हुई हैं।
-इंदौर क्रमांक-एक-कैलाश की प्रतिष्ठा दांव पर
इंदौर विधानसभा क्रमांक-एक जहां भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय की प्रतिष्ठा दांव पर है। यहां पिछले 2018 चुनाव की तुलना में 2.84 प्रतिशत वोटिंग बढ़ी है। 2018 में इस सीट पर 69.26 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। तब यहां कांग्रेस ने जीत दर्ज कराई थीा। इससे पहले के तीन चुनाव 2003, 2008 और 2013 में वोटिंग का प्रतिशत कम-ज्यादा होता रहा। यही वजह है कि इस सीट पर तीन बार भाजपा और एक बार कांग्रेस जीती।
-जबलपुर पश्चिम-राकेश सिंह मुश्किल में
जबलपुर पश्चिम सीट, जहां भाजपा के कद्दावर के नेता राकेश सिंह का मुकाबला कांग्रेस के मौजूदा विधायक एवं पूर्व तरूण भानोत से है। यहां इस बार दस साल बाद इस पांच प्रतिशत से ज्यादा 71 प्रतिशत वोटिंग हुई है। इस बार 2018 ( 66.62 प्रतिशत) की तुलना में 5.04 प्रतिशत ज्यादा वोटिंग हुई है। वोटिंग का ट्रेंड को लेकर लोगों का कहना है कि यहां राकेश सिंह मुश्किल में हैं।
-नरसिंहपुर-प्रहलाद पटेल पर सबकी नजर
नरसिंहपुर सीट पर, जहां केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल की प्रतिष्ठा दांव पर है, इस सीट पर पिछले तीन चुनाव के मुकाबले इस बार 2 प्रतिशत वोटिंग में इजाफा हुआ है। इस सीट पर (2013 और 2018 ) दो बार से प्रहलाद पटेल के भाई जालम सिंह पटेल विधायक हैं। इसके पहले 2008 में इस सीट पर कांग्रेस जीती थी।
-निवास- फग्गन सिंह कुलस्ते का क्या होगा
मंडला जिले की निवास विधानसभा सीट पर, जहां केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते पर भाजपा ने दांव लगाया है। इस सीट पर इस बार पिछले चार चुनाव के मुकाबले 3 प्रतिशत वोटिंग बढ़ी है। इस सीट पर 2003 से 2018 तक फग्गन सिंह कुलस्ते के भाई रामप्यारे कुलस्ते जीतते रहे हैं। वोटिंग प्रतिशत बढऩे का फग्गन सिंह को क्या फायदा होता है, यह नतीजों के बाद पता चलेगा।