-कोर्ट ने गैंगस्टर की पत्नी की ओर से दाखिल अपील को किया खारिज
-कहा, पति ने अपराध से अर्जित कमाई से ही लिखाई थी सम्पत्ति
प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट से आजमगढ़ के गैंगस्टर की पत्नी को तगड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने कहा है कि जब पत्नी के पास आय का स्रोत नहीं है तो वह सम्पत्ति कैसे खरीद सकती है।
कोर्ट ने मामले में जिलाधिकारी आजमगढ़ की ओर से की गई कार्रवाई को सही मानते हुए विशेष न्यायालय गैंगस्टर के आदेश को सही माना और गैंगस्टर की पत्नी की अपील को खारिज कर दी। यह आदेश न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव ने मीना देवी की याचिका को खारिज करते हुए दिया है।
याची ने आजमगढ़ के विशेष न्यायालय गैंगस्टर के आदेश को चुनौती दी थी। विशेष न्यायालय ने याची की अपील को इस आधार पर खारिज कर दी थी कि उसके पास आय का कोई जरिया नहीं है। लिहाजा, पति द्वारा ही उसके नाम सम्पत्ति लिखाई गई है। याची ने उसे हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
मामले में डीएम आजमगढ़ ने गैंगस्टर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसकी पत्नी/याची की दो सम्पत्तियों को भी संलग्न कर दिया था। याची ने जिलाधिकारी की इस कार्रवाई पर आपत्ति जताई लेकिन जिलाधिकारी ने उसे खारिज कर दिया। इसके बाद याची ने विशेष सत्र न्यायाधीश गैंगस्टर आजमगढ़ के समक्ष गुहार लगाई लेकिन वहां से भी उसे झटका लगा। याची ने उसे गैंगस्टर कोर्ट के आदेश को हाईकोर्ट में चुनौती दी। याची की ओर से कहा गया कि उसकी अपनी मेहनत की कमाई है। उसने अपने मेहनत की कमाई से दोनों सम्पत्ति खरीदी है। जबकि, विरोधी पक्ष के अधिवक्ता ने इसका विरोध किया। कहा कि याची के पास पति की आय के अलावा कोई आय का स्रोत नहीं है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि याची की जो सम्पत्तियां कुर्क की गईं, वे याची के पति गैंगस्टर राजेंद्र यादव द्वारा अपनी पत्नी के नाम पर लिखाई गई थी।