24 जनवरी तक तय की गई है दलहन व तिलहन की खरीद
किसानों से क्रय केंद्रों पर ऑनलाइन पंजीकरण कराने को कहा
लखनऊ । अन्नदाता किसान योगी सरकार की प्राथमिकता में हैं। पीएम मोदी के मार्गदर्शन में निरंतर केंद्र व योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश सरकार किसानों के हित में कार्य कर रही है। कृषि विभाग ने किसानों से कहा है कि दलहन-तिलहन के लिए क्रय केंद्रों पर ऑनलाइन पंजीकरण कराएं। योगी सरकार महज तीन कार्य दिवस में इसका भुगतान कराएगी। गौरतलब है कि सरकार ने 25 अक्टूबर से दलहन-तिलहन की खरीद शुरू कर दी है, जो 24 जनवरी तक चलेगी। दलहन (मूंग व उड़द) तथा तिलहन (मूंगफली व तिल) उत्पादक जनपदों में पीसीएफ, पीसीयू द्वारा संचालित क्रय केंद्रों से यह खरीद होगी।
आधार व बैंक पासबुक में होनी चाहिए समान जानकारी
दलहन व तिलहन खरीद के लिए सरकार तीन कार्य दिवस में किसानों का भुगतान करेगी। भुगतान के लिए किसानों का बैंक खाता आधार से लिंक होना चाहिए। पंजीकरण के समय किसानों को आधार कार्ड के साथ मोबाइल नंबर दर्ज करना होगा। किसानों का ध्यान देना होगा कि पंजीकरण उसी मोबाइल नंबर से कराना होगा, जो आधार व बैंक से लिंक्ड होगा। साथ ही आधार और बैंक पासबुक में नाम, पिता का नाम व मोबाइल नंबर भी समान हो। ऐसा होने से पारदर्शिता से निश्चित समय के अंदर योगी सरकार किसानों को भुगतान करेगी।
झांसी, महोबा समेत कई जिले हैं दलहन-तिलहन के उत्पादक
झांसी, महोबा समेत कई ऐसे जिले दलहन (मूंग व उड़द) तथा तिलहन (मूंगफली व तिल) फसलों के उत्पादक हैं, जबकि कई जिलों में अलग-अलग इनकी खेती होती है। झांसी, उन्नाव, महोबा मूंग-उड़द, तिल और मूंगफली उत्पादक जिले हैं। बांदा, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, शाहजहांपुर व रायबरेली उड़द, तिल व मूंगफली तीनों के उत्पादक हैं। इसके अलावा कहीं मूंग तो कहीं मूंगफली की उत्पादकता अधिक है।
सबसे अधिक उड़द की खरीद का लक्ष्य
दलहन-तिलहन के लिए सरकार ने सबसे अधिक उड़द की खरीद का लक्ष्य तय किया है। इसके बाद यह क्रम मूंगफली, तिल व मूंग का है। इसके साथ ही इन फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की जानकारी भी किसानों को उपलब्ध कराई जा चुकी है। अब समयबद्ध तरीके से इसे आगे बढ़ाया जा रहा है।