लखनऊ । साइबर ठगों ने मुम्बई पुलिसकर्मी बनकर जालसाजों ने पंचायती राज विभाग से रिटायर्ड एक कर्मचारी को छह दिन तक डिजिटल अरेस्ट रख 19.50 लाख वसूल लिए।पीड़ित ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में आरोपितों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
पंचायती राज विभाग से रिटायर कमलकांत मिश्र ठाकुरगंज के 118 कूचा सतगुरु सहाय के पास रहते हैं। उनके पास छह नवम्बर को सुबह साढ़े दस बजे एक अनजान नंबर से कॉल आई। फोन करने वाले व्यक्ति ने खुद को मुंबई के अंधेरी ईस्ट थाने का पुलिसकर्मी बताया। उन्हें एक आधारकार्ड का नम्बर बताते हुए पूछा कि क्या यह आपका है। वो कुछ समझ पाते तभी उन्होंने हामी भरते हुए कहा कि वह उनका ही है। इस पर उसने कहा कि आपके आधार कार्ड से केनरा बैंक में एक अकाउंट खोला गया है, जिसमें जेट एयरवेज के मालिक नरेश गोयल ने मनी लांड्रिंग की रकम डाली गई है। उन्होंने कहा कि केनरा बैंक में उनका कोई खाता नहीं है। इस पर साइबर फ्रॉड ने सभी खातों की जानकारी मांग ली। उसे कुछ शक हुआ और जब उसने आईडी कार्ड मांगा तो फोन कट गया।
कुछ देर बाद कमलकांत के पास एक और कॉल आई फोन करने वाले व्यक्ति ने कहा कि उनका गिरफ्तारी वारंट जारी होने जा रहा है। इसके बाद कॉल काट गया और तीसरे नंबर से उनके पास व्हाट्सएप पर वीडियो कॉल आई। आरोपी ने खुद का नाम राजेश बताया और बातों में फंसा कर डिजिटल अरेस्ट कर लिया।
साइबर फ्रॉड ने गिरफ्तारी से बचने के लिए सारी रकम की जांच के लिए अपने खातों में ट्रांसफर कराने की बात कही। गोपनीय जांच होने तक किसी से बात करने से किया मना। इस पर डरे कमलकांत ने जालसाज के खाते में 17 लाख 50 हजार ट्रांसफर कर दिए फिर उसी दिन रात साढ़े आठ बजे एक और व्हाटसऐप कॉल आई। इस बार फोन करने वाले ने खुद का नाम संदीप बताया और बेल अमाउंट जमा करने के नाम पर उनसे 95 हजार जमा कराए फिर सात से 12 नवंबर तक एक लाख 50 हजार रुपये वसूल लिए।
रकम के भुगतान के बाद पीड़ित ने साइबर थाने में ठगी का केस दर्ज कराया। कमलकांत ने बताया कि आरोपी छह दिनों तक उनसे वीडियो कॉल और व्हाट्सएप चैट के जरिये उनसे संपर्क में रहे।