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निषाद पार्टी ने यूपी में उपचुनाव की दो सीटों पर की दावेदारी, जानिए क्या है तैयारी

लखनऊ  (हि.स.)। निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल “निषाद पार्टी” के 09वें स्थापना दिवस कार्यक्रम के अवसर पर शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में एक समारोह आय़ोजित किया गया। इस अवसर पर निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ संजय कुमार निषाद ने पार्टी की आगामी रणनीतियों पर चर्चा की। उन्होंने कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनाव में एनडीए के समर्थन में प्रचार-प्रसार करने के साथ ही सभी सीटों पर एनडीए की जीत दर्ज कराने का आह्वान किया।

संजय निषाद ने कार्यकर्ताओं को आश्वस्त करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान कटेहरी और मझवां सीट पर अपने सिंबल पर चुनाव लड़ा था और आगामी उपचुनाव भी निषाद पार्टी दोनों सीटों पर अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने इस दौरान राष्ट्रीय कार्यकारिणी, प्रदेश कार्यकारिणी और जिला कार्यकारिणी की घोषणा करने का ऐलान भी किया।

उन्होंने कहा कि आज ही राष्ट्रीय कार्यकारिणी, प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा हो जाएगी और जिला कार्यकारिणी की घोषणा अगले दिन 17 अगस्त तक जारी कर दी जाएगी। उन्होंने नई कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप सभी निषाद पार्टी को लगातार आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।

मझावर आरक्षण के लिए नौ वर्ष पूर्व हुआ था पार्टी का गठन

निषाद पार्टी अध्यक्ष ने मझवार आऱक्षण के मुद्दे पर कहा कि पार्टी की स्थापना के 09 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं और निषाद पार्टी का गठन मझवार आरक्षण के मुद्दे समेत मछुआ समाज व अन्य मुद्दों को लेकर हुआ था। आज भी निषाद पार्टी अपने मुद्दे पर अडिग है। आरक्षण के मुद्दे पर केंद्र व राज्य सरकार से लगातार वार्ता जारी है, आजतक मेरी भाजपा शीर्ष नेतृत्व से हुए हर मुलाकात में आरक्षण के मुद्दे पर वार्ता जरूर हुई है। निषाद पार्टी आरक्षण के मुद्दे पर प्रदेशभर में हस्ताक्षर अभियान चलाएगी और रिपोर्ट को केंद्र व राज्य सरकार के समक्ष रखेगी।

विपक्ष निषाद पार्टी को लेकर कर रहा दुष्प्रचार

संजय निषाद ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मुझे मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से पता चलता रहता है कि निषाद पार्टी को लेकर विपक्ष द्वारा लगातार दुष्प्रचार और भ्रम कि स्थिति बनाई जा रही है। कुछ नए-नए नेता समाजवादी पार्टी से सांसद बने हैं जिनको जनता लगातार ना जाने कितने विधानसभा, लोकसभा चुनाव हरवाएं हैं, जिनको निषाद समाज ने नाकार दिया था वो आज निषाद पार्टी और मुझे लेकर राय दे रहे हैं। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अयोध्या में अभी निषाद समाज की बेटी के साथ उनकी पार्टी के नेता ने दुष्कर्म किया था, उस समय लोकसभा और उप्र की विधानसभा दोनों चल रही थीं, मैं तो सोच रहा था कि लोकसभा में समाजवादी पार्टी के दोनों निषाद सांसद हमारे समाज की बेटी को लेकर आवाज उठाएंगें, लेकिन इस पर बात तक नहीं उठाई। वो ​विपक्ष में हैं और विपक्ष का तो काम है सरकार और कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाना, किंतु समाजवादी पार्टी के दोनों सांसदों के मुंह से एक शब्द नहीं निकला।

उन्होंने कहा कि मैं तो कभी कभी ये सोचकर परेशान हो जाता हूं कि ऐसी भी क्या मजबूरी रही होगी दोनों नेताओं की कि उन्होंने अयोध्या की बच्ची के लिए एक शब्द नहीं बोला। अब ये आपको (जनता) को तय करना है कि निषाद समाज को मजबूर नेता देना है या मजबूत नेता देना है। खैर मैं तो दोनों सासंदों के लिए महाराजा गुह्यराज निषाद जी से सदबुद्धि देने की कामना करूंगा। क्योंकि समाज से ऊपर कुछ नहीं होता है। तय आपको करना है ऐसे धोखेबाजों को गांव से भगाना है की नहीं।

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