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नया गोरखपुर के लिए भूखंड ढूंढ़ना साबित हो रहा टेढ़ी खीर, यह है तैयारी

 

गोरखपुर (हि.स.)। शहर की आवासीय जरूरतों को पूरा करने को जमीन ढूंढ़ना गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। हालांकि, नया गोरखपुर बसाने के लिए जमीन खरीदने को शासन ने पहले ही किस्त की धनराशि भेज दी है। धनराशि होने के बाद भी किसानों से जमीन लेने सम्बन्धी बात नहीं बन पा रही है। अब जीडीए ने किसानों से इस बावत एक बार फिर बात करने की कोशिशें तेज की हैं।

उल्लेखनीय है कि नया गोरखपुर बसाने के लिए जीडीए 24 गांवों को चिन्हित किया है। इनमें से 12 गांव प्रस्तावित जंगल कौड़िया-जगदीशपुर फोरलेन बाईपास के आसपास हैं, जबकि अन्य 12 गांव कुशीनगर रोड पर कुसम्ही के पास स्थित हैं।

विभागीय सूत्रों की मानें तो जीडीए उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन ने सचिव उदय प्रताप सिंह व अन्य अधिकारियों के साथ पिछले दिनों कुसम्ही क्षेत्र के चार गांवों का निरीक्षण किया था। गांवों में जमीन भी देखी थी। मौके पर ही पहले से तैयार ले-आउट भी देखा और अब अभियंताओं को रिपोर्ट तैयार करने को कहा है।

 

बड़े चकों की है तलाश

जीडीए ने पहले से चिन्हित गांव तकिया मैदनीपुर, माड़ापार, कोनी व रुद्रापुर गांवों का निरीक्षण कर लिया है। इस दौरान इन गांवों में जमीन को समतल पाया गया है। इन गांवों के चकों को पहले चरण के लिए उपयुक्त भी माना जा रहा है। किसानों से बात नहीं बन रही है। हालांकि, जीडीए की टीम इस बात का अध्ययन करने में जुटी है कि इन गांवों में बड़े चक उपलब्ध हैं या नहीं।

 

यह है तैयारी

नया गोरखपुर बसाने की तैयारी में गाँव की आबादी से 100 मीटर की परिधि से दूर जमीन की तलाश है। यह ऐसे भूखंड यानी चक होने चाहिए, जो एक साथ हों और उनका क्षेत्रफल बड़ा हो। बताया जा रहा है कि इन गाँवों के कुछ किसानों को बातचीत के लिए आमंत्रित करने की तैयारी चल रही है। हालांकि, नया गोरखपुर को लेकर चिन्हित 24 गांवों के किसानों के साथ जीडीए व राजस्व विभाग की टीम दो चरण की वार्ता कर चुकी है।

 

जमीन की खरीद और अर्जन पर है संशय

नया गोरखपुर बसाने के लिए प्रयास जारी है लेकिन इस बात पर अभी संशय है कि चकों का अर्जन होगा या खरीद की जाएगी। सूत्रों का कहना है कि जीडीए इस बात पर अभी किसी निर्णय पर नहीं पहुँच सका है। जमीन की खरीद या अनिवार्य अर्जन पर संशय बना हुआ है।

 

किसानों ने दाखिल किया है आर्बिट्रेशन

विभागीय सूत्र कहते हैं कि दो चरण की वार्ता में किसानों की ओर से अधिकांश का सकारात्मक रुख नहीं है। वजह, एक गांव छोड़कर शेष गाँवों के किसानों ने वर्तमान कीमत पर जमीन देने से इन्कार कर दिया था। इसके बाद जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश ने जमीन की दर तय करने के लिए समिति बना दी लेकिन इस बीच रिंग रोड बाईपास के किसानों की ओर से आर्बिट्रेशन दाखिल कर दिया गया है।

 

जीडीए उपाध्यक्ष बोले

इस सम्बन्ध में जीडीए के उपाध्यक्ष आनंद वर्द्धन का कहना है कि नया गोरखपुर के लिए चिन्हित गांवों के कुछ किसानों से बात हुई है। उनसे आगे भी बात होगी। जमीन के रेट को लेकर अभी निर्णय लिया जाना है।

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