दुनियाभर में भगवान शिव के सैकड़ों भक्त हैं। इनके मंदिर भी जगह-जगह बने हैं। इन मंदिरों में आप ने एक बात नोटिस की होगी। हर शिव मंदिर में एक नंदी जरूर होते हैं। कहा जाता है कि नंदी शिवजी को अत्यधिक प्रिय है। शास्त्रों की माने तो यदि नंदी के कानों में कोई मनोकामना बोली जाए तो वह शीघ्र पूर्ण होती है। हालांकि नंदी के कान में चीजें कहने का भी एक खास तरीका होता है। इस तरीके का अनुसरण करने के बाद ही भोलेनाथ आपकी सुनते हैं।
नंदी की पूजा करें
नंदी के कान में अपनी मनोकामना बोलने से पूर्व उनकी विधिपूर्वक पूजा करना चाहिए। पूजा समाप्त होने के बाद आप उनके कान में अपने मन की बात बोल सकते हैं। हालांकि ऐसा करते समय ध्यान रहे कि आपके होंठ आपके हाथों से ढके हुए हो। ताकि कोई आपके लिप्स को पढ़ न सके। मनोकामना बोलने के बाद नंदी जी को फल या मिठाई का भोग भी लगाना चाहिए। इससे वे आपकी मुराद शिवजी तक जल्दी पहुंचाते हैं।
कोई गलत मनोकामना न मांगे
आप नंदी के कान में जब भी अपनी मनोकामना बोलें तो इस बात का ध्यान रखे कि आपकी मनोकामना गलत न हो। मतलब आप किसी का बुरा या अहित नहीं मांगे। यदि आप कुछ भी अनुचित मांग करते हैं तो शिवजी आप से नाराज हो सकते हैं। फिर आपको लाभ मिलने की बजाय हानी झेलनी पड़ सकती है। इसलिए कभी किसी का बुरा न चाहे, वरना आपके साथ बुरा होते देर नहीं लगेगी।
नंदी के पास दीपक जलाएं
कहते हैं शिवजी की पूजा नंदी की पूजा के बिना अधूरी मानी जाती है। इसलिए जब भी आप भगवान शिव की पूजा करें तो उसके बाद नंदी जी की पूजा भी करें। मनोकामना बोलने से पहले यदि आप नंदी के पास दीपक जलाकर उनकी आरती करें तो आपकी मनोकामना और भी जल्दी पूर्ण होगी। आपको शुभ फल मिलेगा।
इस कारण नंदी के कान में कहते हैं मनोकामना
आप में से कुछ सोच रहे होंगे कि शिवजी को मनोकामना कहना ही है तो उनसे सीधा क्यों नहीं बोल सकते? नंदी के कानों में ही क्यों बोलना पड़ता है? दरअसल शिवजी हमेशा अपनी तपस्या में लीन रहते हैं।
उनकी तपस्या में कोई बाधा उत्पन्न न हो इसलिए भक्तों को अपनी मनोकामना नंदी जी को बोलने को कहा जाता है। फिर बाद में नंदी जी आपकी बात शिवजी तक पहुंचा देते हैं। फिर आपकी मनोकामना को पूरा होने में देर नहीं लगती है।