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दो बड़े ड्रग्स माफियाओं को नेपाल भागने से पहले एसटीएफ ने दबोचा, तीन सौ करोड़ की ड्रग्स के मामले थे फरार

महाराष्ट्र में बरामद तीन सौ करोड़ की ड्रग्स के मामले थे फरार

पुणे क्राइम ब्रांच और एसटीएफ की संयुक्त टीम को सफलता

लखनऊ। स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ और पुणे क्राइम ब्रांच की संयुक्त कार्रवाई में महाराष्ट्र राज्य में बरामद तीन सौ करोड़ के ड्रग्स के मामले में फरार दो ड्रग्स माफियाओं को नेपाल भागने से पहले जनपद बाराबंकी के बहराइच मोड़ के पास से दबोच लिया। बताते चले कि महाराष्ट्र में बीते दिनो बरामद हुआ ढ़ेर सौ किलो ड्रग्स जिसकी कीमत लगभग तीन सौ करोड़ रुपए थी। जिसमें शामिल महाराष्ट्र के बड़े ड्रग्स माफिया ललित पाटिल को पुलिस अभिरक्षा से फरार कराने वाले दो ड्रग्स तस्करों के राजधानी में छिपे होने की सूचना पुणे क्राइम ब्रांच के सहायक पुलिस आयुक्त सुनील तांबे ने एसटीएफ से उन्हें पकड़ने के लिए सम्पर्क किया। जिसके बाद पुलिस उपाधीक्षक एसटीएफ धर्मेश कुमार शाही की देखरेख में टीमों ने जानकारी जुटाना शुरू कर दिया। मंगलवार को मुखबिर द्वारा खबर मिली दोनो ड्रग्स माफिया जनपद बाराबंकी में मौजूद होकर बहराइच के रास्ते नेपाल भागने की फिराक में हैं। एसटीएफ और क्राइम ब्रांच पुणे की सयुक्त टीम ने बहराइच मोड़ पहुंचकर अभिषेक बिलास बालकवड़े, भूषण अनिल पाटिल को दबोच लिया।

जिनके पास से 6 ए0टी0एम0 कार्ड, मोबाइल फोन 2100 रूपए बरामद कर लिया। दबोचे गए दोनो ने कबूला कि भूषण अनिल पाटिल ड्रग माफिया ललित पाटिल का सगा छोटा भाई है व अभिषेक बिलास बालकवड़े ललित पाटिल के ड्रग्स नेटवर्क का मुख्य प्रबंधक है। दोनों ने बताया की वह दोनों ललित पाटिल के साथ वर्ष 2014 से पब बार व रेव पार्टियों में प्रयोग की जाने वाली प्रतिबंधित एमडी (ड्रग) का निर्माण कर रहे थे। इस कार्य के लिए पहले औरंगाबाद में फिर पुणे व नासिक में इन लोगो द्वारा कारखाना लगाया गया था वर्ष 2020 में ललित पाटिल के गिरफ्तार होने के बाद ललित के ही इशारे पर उसके भाई भूषण अनिल पाटिल व प्रबंधक अभिषेक बिलास बालकवड़े द्वारा पूरे गिरोह की कमान संभाल ली गई ।

बीते 4 अगस्त को मुम्बई में 150 किलो एमडी ड्रग की रिकवरी में ललित पाटिल व अन्य गिरोह के सदस्यों का नाम आने पर भूषण अनिल पाटिल, अभिषेक बिलास बालकवड़े द्वारा ललित पाटिल को पुलिस हिरासत से फरार करवा दिया गया। पूछने पर यह भी बताया की उनको एमडी (ड्रग) बनाने के लिए कच्चा माल नासिक जिले के शिवजी शिंदे द्वारा दिया जाता है। तथा वह एक किलो एमडी (ड्रग) ललित के तय खरीदारों को डेढ़ करोड़ रूपए प्रति किलो के मूल्य से बेचते थे। तथा कमाए हुए पैसे को मुम्बई के अभिजीत नामक सुनार से सोने में परिवर्तित करवा देते है। जिसमें उनके द्वारा 10 माह में 8 किलो सोना खरीदा गया है। तथा महाराष्ट्र में ही भिन्न भिन्न स्थानों पर छुपा कर रखा गया है। आज ललित के ही कहने पर नेपाल भागने की फिराक में थे।गिरफ्तार अभियुक्तों को बाद गिरफ़्तारी पुणे क्राइम ब्रान्च के सहायक पुलिस आयुक्त की टीम को सौप दिया गया हैं।

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