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देश में कई स्थानों पर हो चुकी हैं हाथरस जैसी घटनाएं, सैकड़ों लोगों की गई जान; जानें कब और कहां, पढ़ें यह खबर

नई दिल्ली । यूपी के हाथरस में भोले बाबा के सत्संग में मची भगदड़ में करीब 121 लोगों की मौत हो गई है जबकि कई घायल हुए हैं। मरने वालों में सबसे ज्यादा महिला और बच्चे हैं। दुर्घटना उस वक्त हुई जब भोले बाबा के कार्यक्रम में डेढ़ लाख से ज्यादा की भीड़ जुट गई। बड़ी संख्या में लोगों की मौत की यह पहली घटना नहीं है। महाराष्ट्र के मंधारदेवी मंदिर में 2005 की भगदड़ में 340 श्रद्धालुओं की मौत और 2008 में राजस्थान के चामुंडा देवी मंदिर की भगदड़ में 250 लोगों की मौत हुई थी। वहीं हिमाचल प्रदेश के नैना देवी मंदिर में भी 2008 में मची भगदड़ में 162 लोगों की जान गई थी। हाल के वर्षों में देश में मंदिरों और धार्मिक आयोजनों में भगदड़ की कई घटनाएं हुई हैं। कुछ घटनाओं का जिक्र हम यहां कर रहे हैं।

31 मार्च 2023 को इंदौर शहर के एक मंदिर में रामनवमी पर आयोजित हवन के दौरान एक प्राचीन बावड़ी के ऊपर बनी स्लैब ढह जाने से कम से कम 36 लोगों की मौत हो गई थी। 1 जनवरी 2022 को जम्मू-कश्मीर स्थित प्रसिद्ध माता वैष्णो देवी मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के कारण मची भगदड़ में कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई और एक दर्जन से ज्यादा घायल हो गए। 14 जुलाई 2015 को आंध्रप्रदेश के राजमुंदरी जिले में ष्करम उत्सव के पहले ही दिन गोदावरी नदी के तट पर स्नान के दौरान भगदड़ में 27 तीर्थयात्रियों की मौत हो गई और 20 घायल हो गए।

वहीं 3 अक्टूबर 2014 को दशहरा समारोह के बाद पटना के गांधी मैदान में मची भगदड़ में 32 लोगों की मौत हो गई और 26 घायल हो गए थे। 13 अक्टूबर 2013 को मध्य प्रदेश के दतिया जिले में रतनगढ़ मंदिर के पास नवरात्रि में मची भगदड में 115 लोग मारे गए और 100 से ज्यादा घायल हो गए थे। 19 नवंबर 2012 को पटना में गंगा नदी के तट पर छठ पूजा के दौरान पुल के ढह जाने से करीब 20 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए थे। 8 नवंबर 2011 को हरिद्वार में गंगा नदी के तट पर हरकी पैड़ी घाट पर मची भगदड़ में कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई।

14 जनवरी 2011 को केरल के इडुक्की जिले के पुलमेडु में एक जीप के सबरीमाला मंदिर के दर्शन कर लौट रहे तीर्थयात्रियों से टकरा जाने के कारण मची भगदड़ में 104 श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 40 से ज्यादा घायल हो गए थे। 4 मार्च 2010 को यूपी के प्रतापगढ़ में राम जानकी मंदिर में भगदड़ से करीब 63 लोगों की मौत हो गई। 30 सितंबर 2008 को राजस्थान के जोधपुर शहर में चामुंडा देवी मंदिर में बम विस्फोट की अफवाह के कारण मची भगदड़ में करीब 250 श्रद्धालु मारे गए और 60 से ज्यादा घायल हो गए थे।

वहीं 3 अगस्त 2008 को हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में नैना देवी मंदिर में चट्टान खिसकने की अफवाह ये मची भगदड़ में 162 लोगों की मौत हो गई, 47 घायल हो गए थे। 25 जनवरी 2005 को महाराष्ट्र के सतारा जिले में मंधारदेवी मंदिर में तीर्थयात्रा में 340 से ज्यादा श्रद्धालुओं की कुचलकर मौत हो गई और सैकड़ों घायल हो गए थे। यह दुर्घटना तब हुई, जब कुछ लोग सीढ़ियों पर गिर गए थे। 27 अगस्त 2003 को महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेले में स्नान के दौरान मची भगदड़ में 39 लोग मारे गए और करीब 140 घायल हो गए।

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