केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वाराणसी में सीएनजी स्टेशन का उद्घाटन किया
वाराणसी (हि.स.)। केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को रविदास घाट पर शहर के दूसरे फ्लोटिंग कंप्रेस्ड नेचुरल गैस (सीएनजी) मोबाइल रि-फ्यूलिंग यूएनआईटी (एमआरयू) स्टेशन का उद्घाटन किया।
उल्लेखनीय है कि नमो घाट सीएनजी स्टेशन के बाद नौकाओं में सीएनजी भरने के लिए यह देश का दूसरा सीएनजी स्टेशन है। दोनों स्टेशनों को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के नियंत्रणाधीन गेल (इंडिया) लिमिटेड ने विकसित किया है।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन को स्थापित करने का निर्णय स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में परिवर्तनकारी शक्ति में विश्वास का प्रमाण है। पर्यावरणीय चुनौतियों और स्वच्छ अक्षय स्रोतों में बदलाव की तत्काल आवश्यकता से जूझ रहे विश्व में, वाराणसी में दूसरे फ्लोटिंग इंफ़्रास्ट्रक्चर का उद्घाटन अक्षय ऊर्जा समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सीएनजी स्टेशन से नाविकों को बड़ी सुविधा मिलेगी। उन्हें ईंधन भरने के लिए नमो घाट तक नहीं जाना पड़ेगा, जिससे समय और धन की बचत होगी। कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री ने गेल उत्कर्ष केंद्र की छात्राओं के साथ बातचीत भी की। गेल उत्कर्ष इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं में प्रतिस्पर्धा करने के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों की 60 मेधावी छात्राओं को सभी खर्चों वाले आवासीय कोचिंग प्रदान करने के लिए कंपनी की एक सीएसआर पहल है।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ विज़न से प्रेरित होकर वर्ष 2021-22 में शुरू किया गया वाराणसी केंद्र, गेल का पहला ‘ऑल गर्ल्स’ केंद्र है। और उत्तर प्रदेश तथा मध्य प्रदेश की 60 कन्या छात्राओं को इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के दोहरे पाठ्यक्रम के लिए कोचिंग उपलब्ध कराने वाला पहला ऐसा केंद्र है। वर्ष 2022-23 में 30 में से 28 कन्या छात्राओं ने जेईई मेन्स परीक्षा उत्तीर्ण किए और 30 में से 29 कन्या छात्राओं ने एनईईटी परीक्षा में सफलता प्राप्त की। इस दौरान गेल अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक संदीप कुमार गुप्ता, निदेशक (मानव संसाधन) आयुष गुप्ता, निदेशक (विपणन) संजय कुमार आदि भी मौजूद रहे।
-फ्लोटिंग स्टेशनों की लागत लगभग 17.5 करोड़, दोनों स्टेशन चालू
वाराणसी में गंगा नदी के मुख्य घाटों के दोनों ओर नौकाओं के लिए फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन अब चालू हो गया है। गेल ने फ्लोटिंग स्टेशनों को लगभग 17.5 करोड़ रुपये की लागत से विकसित किया है। नमो घाट पर फ्लोटिंग सीएनजी मदर स्टेशन विश्व में पहला ऐसा सीएनजी स्टेशन है, जो दिसंबर 2021 से चालू है। इस स्टेशन की संपीड़न क्षमता लगभग 15,000 किलोग्राम प्रति दिन सीएनजी की है जो प्रति दिन लगभग 1,000-1,500 नौकाओं में सीएनजी भरने में सक्षम है। वर्तमान में वाराणसी में चलने वाली नौकाओं में 5 से 20 एचपी इंजन पावर के साथ 15 से 80 व्यक्तियों के बैठने की क्षमता है।
इसी तरह रविदास घाट पर नया स्टेशन सीएनजी मोबाइल रिफ्यूलिंग यूनिट (एमआरयू) है, अर्थात सीएनजी को नमो घाट से कैस्केड में भरा जाएगा और नौकाओं में ईंधन हेतु रविदास घाट तक जल मार्ग से पहुंचाया जाएगा, जो विश्व में इस प्रकार का पहला प्रयास है। इसकी क्षमता 4,000 किलोग्राम प्रति दिन है, जो प्रति दिन 300 से 400 नौकाओं को पूरा कर सकती है। सीएनजी डीजल की तुलना में अधिक कुशल ईंधन है। इससे नाविकों को अधिक बचत होती है, क्योंकि पुराने डीजल इंजनों को कुशल सीएनजी इंजनों में परिवर्तित करने के कारण उन्हें लगभग 35-40 फीसद अधिक माइलेज मिल रहा है। एक किलोग्राम सीएनजी 1.39 लीटर पेट्रोल और 1.18 लीटर डीजल के बराबर ऊर्जा प्रदान करती है। औसतन रूप से यह अनुमान लगाया गया है कि प्रत्येक नाविक ईंधन के रूप में सीएनजी का उपयोग करके संभावित रूप से लगभग 36 हजार रुपये बचा सकता है।
-सीएनजी सुरक्षित और कम प्रदूषणकारी
खास बात यह है कि सीएनजी सुरक्षित और कम प्रदूषणकारी है और डीजल की तुलना में काफी कम नाइट्रस ऑक्साइड (एनओएक्स) और सल्फर ऑक्साइड (एसओएक्स) उत्पन्न करता है। यह डीजल की तुलना में कम धुआं उत्पन्न करता है और गंधहीन है, जो पवित्र नदी गंगा और वातावरण में प्रदूषण को कम करने में सहायक होगा।
-सीजीडी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए 350 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश
गेल ने वाराणसी में सीजीडी इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए 350 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है और 2024 तक 100 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। वाराणसी सीजीडी परियोजना प्रतिष्ठित प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना का हिस्सा है और इसका उद्घाटन वर्ष 2018 में स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था।