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दिल्ली में फूल रहा दम, आखिर ‘जहर’ कब होगा कम? अभी-अभी आया ताजा अपडेट 

नई ‎दिल्ली(ई‎एमएस)। ‎दिल्ली में प्रदूषण ने लोगों का जीना मुहाल कर ‎दिया है। ‎बिना मास्क के ‎निकलना खतरे से खाली नहीं है। खांसी और सांस से जुड़ी तकलीफों के कारण लोग परेशान हो रहे हैं। हालातों के ‎निपटने के ‎लिए प्रयास ‎किए जा रहे है,ता‎कि ‎‎‎स्थि‎ति को ‎नियं‎त्रित ‎किया जा सके। प्रदूषण के स्तर में वृद्धि के कारण एयर प्यूरीफायर और मास्क की मांग बढ़ गई है। शुक्रवार को एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने अपनी कार्य योजना के तहत खुले में कूड़ा जलाने, अवैध निर्माण और विध्वंस, डंपिंग और सड़कों पर धूल पर नजर रखने के लिए 1,119 अधिकारियों की 517 निगरानी टीमों का गठन किया है। इसमें कहा गया है कि जोनल अधिकारियों को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जारी संशोधित जीआरएपी के दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करवाने का निर्देश दिया है।

राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के बीच पेड़ों की कटाई को लेकर दिल्ली हाई कोर्ट ने वन विभाग को फटकार लगाई।जस्टिस जसमीत सिंह ने मौखिक रूप से टिप्पणी की कि वन विभाग के ढुलमुल रवैये के कारण शहर में वायु की गुणवत्ता जहरीली हो चुकी है और एक्यूआई खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है! अदालत ने कहा कि वन विभाग के गुपचुप और रूढ़िवादी आदेशों के तहत दिल्ली में पेड़ों की कटाई हो रही है। जज ने कहा, आप चाहते हैं कि लोग गैस चैंबरों में रहें? आज दिल्लीवासी प्रदूषण के कारण जिस परेशानी में हैं, उसके लिए आप जिम्मेदार हैं। ऐसी मशीनें हैं जो हवा की गुणवत्ता रिकॉर्ड करती हैं। ये मशीनें अधिकतम 999 रिकॉर्ड कर सकती हैं। आज, हम इस आंकड़े को छू रहे हैं। यह (अधिकारियों के बीच) संवेदनशीलता की कमी के कारण हुआ है।

दिल्ली हाई कोर्ट बिना कारण बताए पेड़ों की कटाई की अनुमति देने के लिए दिल्ली वन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था। इसी मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने 14 सितंबर को आदेश दिया था कि शहर में मकान बनाने के लिए पेड़ों की कटाई की अनुमति नहीं दी जाएगी। याचिकाकर्ता भवरीन कंधारी की ओर से वकील आदित्य एन प्रसाद पेश हुए और दलील दी कि गैर-तर्कसंगत आदेश पारित किए जा रहे हैं और अदालत के आदेशों के बावजूद शहर में पेड़ काटे जा रहे हैं।अदालत ने कहा, यह हमारे आदेशों का घोर उल्लंघन है। यह कर्तव्य का अपमान है। आप शॉर्टकट आजमा रहे हैं। कन्नी काट रहे हैं। यह अदालत के आदेशों की पूरी तरह से अवहेलना है। मामले की अगली सुनवाई 8 नवंबर को होगी।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) ने कहा, शनिवार को शहर के कई हिस्सों में दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में थी! दिल्ली का 24 घंटे का औसत एक्यूआई प्रत्येक दिन शाम 4 बजे दर्ज किया जाता है। गुरुवार को 392, बुधवार को 364, मंगलवार को 359, सोमवार को 347, रविवार को 325, शनिवार को 304 और शुक्रवार को 261 था। शून्य और 50 के बीच एक एक्यूआई को अच्छा, 51 और 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 के बीच मध्यम, 201 और 300 के बीच खराब, 301 और 400 के बीच बहुत खराब और 401 और 500 के बीच गंभीर माना जाता है। 500 से अधिक कुछ भी गंभीर प्लस श्रेणी में आता है।

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