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दिल्ली में ऑड-ईवन नियम की हो रही है वापसी, जानें इससे जुड़ी बड़ी बातें जो आपके लिए जरूरी हैं

नई दिल्ली  (हि.स.)। राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को उच्च स्तरीय बैठक की। इसमें पर्यावरण मंत्री, परिवहन मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री समेत वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदूषण की वर्तमान स्थिति और सरकार द्वारा प्रदूषण कम करने को लेकर किए जा रहे कार्यों की गहन समीक्षा की और कई महत्वपूर्ण निर्णय लिये गए।

बैठक में हुए निर्णयों के बारे में मीडिया को विस्तार से जानकारी देते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सरकार ने दिल्ली में 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन लागू करने का निर्णय लिया है। ऑड वाले दिन सिर्फ 1, 3, 5, 7, 9 और ईवन वाले दिन 0, 2, 4, 6, 8 नंबर प्लेट की गाड़ियां ही चलेंगी। इस संबंध में विस्तृत कार्य योजना बनाने के लिए ट्रांसपोर्ट और ट्रैफिक पुलिस समेत संबंधित विभागों के साथ मंगलवार को बैठक की जाएगी।

उन्होंने बताया कि दिल्ली में 5वीं तक स्कूल पहले ही 10 नवंबर तक बंद रखने के आदेश दिए जा चुके हैं लेकिन अब 6वीं, 7वीं, 8वीं, 9वीं और 11वीं की कक्षाएं भी 10 नवंबर तक बंद रहेंगी। बोर्ड परीक्षा को देखते हुए 10वीं और 12वीं कक्षाएं जारी रखने का निर्णय लिया गया है।

30 अक्टूबर को दिल्ली में एक्यूआई 347 था, जबकि सोमवार को 436 दर्ज किया गया: गोपाल राय

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बीते 30 अक्टूबर से प्रदूषण के स्तर में धीरे-धीरे बढ़ोतरी देखी जा रही है। वैज्ञानिकों और मौसम विभाग के विश्लेषण के अनुसार दिल्ली के अंदर प्रदूषण में वृद्धि का मुख्य कारण तापमान का लगातार गिरना और हवा की गति बहुत कम होना है। 30 अक्टूबर से हवा की गति ठहराव की स्थिति में है। 30 अक्टूबर को दिल्ली में एक्यूआई 347 था। इसके बाद 31 अक्टूबर को 359, एक नवंबर 364, दो नवंबर को 392, तीन नवंबर को 468, चार नवंबर को 415 था। इसके बाद 5 नवंबर को बढ़कर 454 हो गया और सोमवार को एक्यूआई 436 है, जो बीच में बढ़कर 468 तक चला गया था।

गोपाल राय ने आगे कहा कि वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए ईवी पॉलिसी लाई गई। दिल्ली के अंदर इलेक्ट्रिक और सीएनजी बसें चलाई जा रही हैं। दिल्ली सरकार 24 घंटे बिजली की आपूर्ति कर रही है। हमने दिल्ली में प्रदूषित ईंधन से चल रही इंडस्ट्री को शत प्रतिशत पीएनजी में शिफ्ट कर दिया है। साथ ही दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाया गया है।

राय ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा उठाए गए दीर्घकालिक पहलों के परिणामस्वरूप इस साल दिल्ली में पुअर कटेगरी से बाहर दिनों की संख्या 206 हो चुकी है जबकि 2015 में 365 दिनों में 109 दिन ही पुअर कटेगरी से बाहर थे। अर्थात 2015 में 365 में केवल 109 दिन थे, जिसमें हवा की स्थिति पुअर क्वालिटी में नहीं थी। इस साल वो संख्या बढ़कर 206 दिन हो चुकी है।

राय ने दिल्ली सरकार द्वारा प्रदूषण को कम करने को लेकर की गई कार्रवाई के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली में वाहन प्रदूषण को कम करने के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग और ट्रैफिक पुलिस ने अभियान चलाकर पाल्यूशन अंडर कंट्रोल (पीयूसी) सर्टिफिकेट को चेक किया है। पीयूसी का उल्लंघन करने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाता है। ग्रैप 1, 2 और 3 के दौरान वाहनों के 28471 चालान किए गए हैं, जिससे कि दिल्ली में प्रदूषण पैदा करने वाली गाड़ियों पर कंट्रोल किया जा सके।

इसी तरह, दिल्ली में एंटी डस्ट कैंपेन चलाया गया। इसके तहत 12769 निर्माण साइटों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। इसमें से 324 जगहों पर नियमों का उल्लंघन पाया गया और करीब 74 लाख रुपए जुर्माना लगाया गया है। ग्रीन दिल्ली एप के माध्यम से प्रदूषण बढ़ने को लेकर शिकायतें आई हैं। इस एप पर 3 अक्टूबर से लेकर अबतक 1646 शिकायतें दर्ज की गईं, जिसमें से 1581 शिकायतो का निस्तारण किया गया। अलग-अलग विभागों के सहयोग से कुल 96 फीसद शिकायतों का निस्तारण किया गया।

उन्होंने बताया कि इसके अलावा, ओपेन बर्निंग पर लगाम कसने के लिए 611 टीमें फील्ड में काम कर रही हैं। गाड़ियों का प्रदूषण चेक करने के लिए 385 टीमें लगाई गई हैं। पटाखों पर रोक लगाने के लिए पुलिस की 210 टीमों का गठन किया गया है।

वाटर स्प्रिंकलिंग और सफाई के लिए 82 एमआरएस मशीनें सड़कों पर काम कर रही हैं। अलग-अलग विभागों के 345 वाटर स्प्रिंकलर्स सड़क पर काम कर रहे हैं। विभिन्न जगहों पर चल रहे प्रोजेक्ट पर प्रदूषण रोकने के लिए 233 स्मॉग गन लगाए गए हैं। साथ ही 192 मोबाइल एंटी स्मॉग गन सड़कों पर पानी का छिड़काव कर रहे हैं। 106 एंटी स्मॉग गन अलग-अलग सरकारी बिल्डिंग्स पर लगाए गए हैं।

ग्रैप चार में भी बीएस-3 व 4 गाड़ियों को दिल्ली में चलाने पर प्रतिबंध जारी रहेगा

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर जब ग्रैप-3 लागू किया गया था, तब बीएस-3 की पेट्रोल गाड़ियों और बीएस-4 की डीजल गाड़ियों को चलाने पर प्रतिबंध लगाया गया था। ग्रैप-4 में भी इन गाड़ियों को चलाने पर प्रतिबंध जारी रहेगा। इसके अलावा आवश्यक सामान और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाली गाड़ियों में एलएनजी, इलेक्ट्रिक और सीएनजी ट्रकों को छोड़कर बाकी ट्रकों के दिल्ली में प्रवेश पर प्रतिबंधित कर दिया गया है।

इलेक्ट्रिक, सीएनजी, बीएस-6 डीजल और इमरजेंसी सेवा व आवश्यक वस्तुओं को ले जाने वाली हल्की कमर्शियल गाड़ियों को छोड़कर दिल्ली के बाहर पंजीकृत सभी हल्की कमर्शियल गाड़ियों के प्रवेश पर भी रोक लगा दिया गया है। दिल्ली के अंदर डीजल पंजीकृत मीडियम और भारी माल वाहकों के चलने पर प्रतिबंध रहेगा। इसमें आवश्यक वस्तुएं और आवश्यक सेवाएं प्रदान करने वाले वाहनों को केवल छूट रहेगी।

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