लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने गुरुवार को सेफ सिटी परियोजना की समीक्षा कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आईसीसीसी एवं आईटीएमएस के जरिए पकड़े गए अपराधियों का खूब प्रचार-प्रसार किया जाए, ताकि अपराधियों के अंदर दहशत व्याप्त हो और वह अपराध करने की हिम्मत न करें। लोगों को भी पता चलना चाहिए कंट्रोल रूम से शहर पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।
मुख्य सचिव ने कहा कि सेफ सिटी परियोजना के तहत प्रदेश के 17 नगर निगमों और गौतमबुद्ध नगर को महिलाओं के साथ बुजुर्गों, बच्चों और दिव्यांगजनों के लिए सबसे सुरक्षित शहर बनाया जाए। बालिकाओं और महिलाओं में सुरक्षा की भावना दृढ़ हो और अपराधियों में भय व्याप्त हो, इसके लिए बालिकाओं के स्कूल व कालेज के पास पुलिसकर्मियों की ड्यूटी सादे परिधान में लगाते हुए शोहदों एवं शरारती तत्वों की पहचान कर उनके विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जाए। शिक्षण संस्थानों में बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण भी दिलाया जाए।
उन्होंने कहा कि अपराध नियंत्रण में सीसीटीवी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील स्थानों पर नगर निगम, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट अथवा स्थानीय प्रशासन व पुलिस द्वारा सीसीटीवी लगाए जाएं और उन्हें एकीकृत कमांड और नियंत्रण केंद्र (आईसीसीसी) व इंटेलिजेंट ट्रांजिट मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) से इंटीग्रेट किया जाए। सर्वे कराकर शहरों में डार्क प्लेसेज को चिन्हित कर स्ट्रीट लाइट लगवाई जाए। संवेदनशील स्थानों पर पुलिस पेट्रोलिंग बढ़ाई जाए और आवश्यकतानुसार पुलिस को तैनात किया जाए।
लोगों को सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए करें प्रेरित
मुख्य सचिव ने कहा कि आमजन, व्यापारियों, संस्थान संचालकों को जागरूक कर उन्हें सीसीटीवी कैमरे लगवाने के लिए प्रेरित किया जाए। अस्पताल, संस्थान, आरडब्ल्यूए, भवन, प्रतिष्ठान आदि के प्रवेश एवं निकास द्वार पर स्थापित सीसीटीवी कैमरों को भी कंट्रोल रूम से इंटीग्रेट करने के कार्य में प्रगति लाई जाए। लोग अपनी सुविधा और सुरक्षा के लिए सीसीटीवी फुटेज का डेटा अपने पास भी रख सकते हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर फुटेज पुलिस को उपलब्ध करा सकें। औद्योगिक विकास विभाग द्वारा इंडस्ट्रियल स्टेट में सुरक्षा के क्या प्रबंध हैं, इसकी समीक्षा की जाए। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा महिलाओं की सुरक्षा के लिए जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।
सिटी बसों में लगी पैनिक बटन का हो व्यापक प्रचार
दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि सिटी बसों में पैनिक बटन का व्यापक प्रचार प्रसार कर लोगों को जागरूक किया जाए। उन्हें बताया जाए कि आपातस्थिति में इस बटन का प्रयोग कर सकते हैं। बटन का दुरुपयोग करने वालों पर एक्शन लिया जाए। रेडियो टैक्सी में जीपीएस क्रियाशील होना चाहिए, जिसकी निगरानी एग्रीगेटर द्वारा कंट्रोल रूम स्थापित कर की जाए।रेडियो टैक्सी में भी पैनिक बटन लगवाएं जाएं।
रात्रि आठ बजे तक ही संचालित हों कोचिंग संस्थान
मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसे कोचिंग संस्थान जहां लड़कियां पढ़ने जाती हैं, अधिकतम रात्रि आठ बजे तक ही संचालित होने चाहिए, ताकि वे समय से सुरक्षित अपने घर पहुंच सकें। तंग गलियों में कोचिंग संस्थान होने पर आगजनी, छेड़खानी जैसी अप्रिय घटना घटित होने की संभावना अधिक रहती है, इसलिए संस्थान खुले स्थान पर होने चाहिए और विद्यार्थियों के बैठने का समुचित प्रबंध होना चाहिए। इसके अलावा कोचिंग संस्थान में लड़कियों के अलग टॉयलेट और प्रवेश और निकास द्वार पर सीसीटीवी कैमरा अवश्य लगा होना चाहिए। इस संबंध में शिक्षा विभाग द्वारा दिशा निर्देश निर्गत कर अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।
शासकीय भवन हों दिव्यांगजन हितैषी
उन्होंने कहा कि सभी विभागों के शासकीय भवन दिव्यांगजन हितैषी होने चाहिए। वर्तमान एवं भविष्य में निर्मित होने वाले भवनों को दिव्यांगजन हितैषी व सुगम्य बनाया जाए। उन्होंने सेफ सिटी वेब एवं ऐप को डेवलप करने के कार्य में तेजी लाने के भी निर्देश नगर विकास विभाग को दिए। ऐप में महिलाओं के साथ बच्चों, बुजुर्गों एवं दिव्यांगजनों से सम्बन्धित सुविधाओं व सरकारी योजनाओं का विवरण रखते हुए योजनाओं से सम्बन्धित विभागों का लिंक किया जाए। इसके अलावा एप पर निकटम पुलिस बूथ और टायलेट की भी जानकारी रखे जाने के निर्देश दिये गये। बैठक में सेफ सिटी परियोजना के लोगो और स्लोगन को अनुमोदन भी प्रदान किया गया।
समीक्षा बैठक में विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिवों द्वारा सेफ सिटी परियोजना को लेकर अब तक की प्रगति की जानकारी भी दी गई। बैठक में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव परिवहन एल वेंकटेश्वर लू, प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा महेंद्र प्रसाद अग्रवाल, प्रमुख सचिव अवस्थपना एवं औद्योगिक विकास अनिल कुमार सागर, अपर पुलिस महानिदेशक महिला एवं बाल सुरक्षा बीपी जोगदंड, सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य रंजन कुमार सहित, सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास अनामिका सिंह, सचिव गृह डॉ. संजीव गुप्ता समेत संबंधित विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।