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तीन वर्ष के बेटे की हत्या करने वाली मां को जमानत पर रिहा करने से इंकार, जानें पूरा मामला

-मानसिक हालत पर मेडिकल रिपोर्ट को लेकर दोबारा आ सकते हैं कोर्ट

प्रयागराज  (हि.स.)। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तीन साल के अपने बच्चे की हत्यारिन मां की जमानत अर्जी खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि बच्चे पर चाकू से हमला कर नृशंस हत्या करने वाली मां जमानत पर रिहा होने की हकदार नहीं है।

कोर्ट ने मानसिक स्थिति ठीक न होने की दलील पर जेल प्राधिकारी को सरकारी अस्पताल से मेडिकल रिपोर्ट तैयार कर याची के पति को देने तथा उस रिपोर्ट के साथ हाईकोर्ट दोबारा आने की छूट दी है और कहा है कि अगले आठ महीने तक केस ट्रायल न किया जाय।

यह आदेश न्यायमूर्ति सौरभ श्याम शमशेरी ने आरती देवी की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है। याची के खिलाफ कुशीनगर के अहिरौली बाजार थाने में मासूम बच्चे की चाकू से गोदकर हत्या करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। चश्मदीद गवाह का बयान है कि याची बच्चे को कमरे में ले गई और बच्चे की रोने की आवाज पर जब वह कमरे में पहुंचा तो बच्चे को खून से लथपथ पाया। मौके से चाकू बरामद किया गया है।

याची ने दलील दी कि चश्मदीद के बयान में विरोधाभास है और उसके पति ने कहा कि उसकी मानसिक दशा ठीक नहीं है। इसलिए मेडिकल जांच की जाय। वह 8 मार्च 23 से जेल में हैं। सरकारी वकील ने कहा कि जेल से इलाज कराया जायेगा। अपराध गम्भीर है। कोर्ट ने कहा जमानत नियम है किंतु जेल अपवाद। जमानत देने का परिस्थितियों व साक्ष्यों पर कोर्ट का विवेकाधिकार है। भविष्य की संभावनाओं पर भी विचार जरूरी है। कोर्ट ने कहा कि जमानत पर रिहा करने का केस नहीं है।

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