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डीपीआरओ कार्यालय में 58 लाख 98 हजार 544 रुपये का घोटाला उजागर, दर्ज हुआ मुकदमा

जालौन,  (हि.स.)। जनपद के डीपीआरओ कार्यालय में लाखों का घोटाला उजागर हुआ है। उक्त गड़बड़झाले को खुद मुख्य विकास अधिकारी भीम उपाध्याय ने उजागर करके हड़कंप मचा दिया। विकास भवन में पत्रकारों के बीच डीपीआरओ कार्यालय में हुए लाखों के घोटाले का खुलासा करते हुए सीडीओ ने बताया कि उनके द्वारा आकस्मिक निरीक्षण के दौरान व्यय विवरण रजिस्टर में उनको खामियां नजर आईं थीं, जिसमे प्रचार प्रसार एवं भारत स्वच्छता मिशन आदि की धनराशि के चार ट्रांजक्शन ऐसे नजर आए जिसमें लाखों की धनराशि का तत्कालीन अधिकारियों के द्वारा गड़बड़ी की गई।

मुख्य विकास अधिकारी भीम जी उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने 08 सितम्बर 2023 को डीपीआरओ कार्यालय का पूर्वाह्न 11:30 बजे निरीक्षण किया। उन्होंने निरीक्षण के उपरांत पूरे 58 लाख 98 हजार 544 रुपये का व्यय विवरण रजिस्टर में गमन पाया। उन्होंने बताया कि प्रपत्रों के आधार पर चार ट्रांजक्शन अलग-अलग व्यक्तियों के नाम देखे गए। उन्होंने बताया कि उक्त गड़बड़ी में पूर्व डीपीआरओ अभय कुमार यादव और उनके कंप्यूटर ऑपरेटर की संलिप्तता नजर आई। उन्होंने बताया कि 14 नवम्बर 2019 को कम्प्यूटर ऑपरेटर मनोज कुमार वर्मा को डीपीआरओ द्वारा अपने डिजिटल हस्ताक्षर की अथॉरिटी दे दी गई तो उसी क्रम में तत्कालीन सीडीओ डॉ. अभय कुमार श्रीवास्तव ने 03 जुलाई 2021 उक्त डीपीआरओ के डिजिटल सिग्नेचर उपयोग करने का आदेश दे दिया। जो राशि गड़बड़ मिली उसमें उक्त राशि का पहला ट्रांजक्शन सफाईकर्मी विकेंद्र सिंह पुत्र गंगाराम साहू के खाते में 30 -10-2022 को 06 लाख 30 हजार, 2-12- 22 को 08 लाख 87 हजार और 18 जनवरी 2023 को 35 लाख 51 हजार 544 रुपये भेजे गये। इसी तरह एक शैलेन्द्र कुशवाहा नाम के व्यक्ति के खाते में 08 लाख 30 हजार रुपये 15-10 -2022 को भेज गया। इसमें गबन का मामला उजागर हुआ। उन्होंने बताया कि डीएम चांदनी सिंह ने उक्त मामले में रिपोर्ट दर्ज कराने के निर्देश दिए हैं।

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