सीएम का सुरक्षा अधिकारी और सचिव बता कर गाड़ी में शासन का लोगो लगाकर बनाते थे भौकाल
विभिन्न विभागों में ठेके और नौजवानों को नौकरी का लालच देकर ऐंठ चुके करोड़ों
कार लेटर पेड एटीएम कार्ड समेत अलग-अलग विभाग के तबादला प्रार्थना पत्र बरामद
लखनऊ। स्पेशल टास्क फोर्स(एसटीएफ) ने दो ऐसे नटवरलालों को दबोचा हैं। जो खुद को कभी विश्वविद्यालय का चांसलर तो कभी सीएम का प्रोटोकॉल अधिकारी और सचिव निवेश बता कर ठेकेदारों से लेकर अधिकारियों के तबादलों के नाम पर पैसों की वसूली को अंजाम देते थे। जिनके पास से एसटीएफ ने लेटर पेड से लेकर विभिन्न विभाग के तबादलों का प्रार्थना पत्र समेत कई सामान बरामद किया हैं। बताते चलें कि एसटीएफ को लम्बे समय से जानकारी मिल रही थी। कि प्रदेश में सीएम का प्रोटोकॉल अधिकारी उत्तर प्रदेश के विभिन्न विभागों में चेयरमैन और सरकारी ठेकों और तबादलों के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह सक्रिय हैं। जिसके पुलिस अधीक्षक एसटीएफ विशाल विक्रम सिंह की देखरेख में टीमें लगातार इन नटवरलालों के बारे में जानकारियां जुटा रही थी। शनिवार को शिव नेत्र सिंह के नेतृत्व में टीम को सूचना मिली कि ठगी करने वाला नटवरलाल समाज कल्याण कार्यालय बांसा मंडी रोड विभूतिखंड किसी से मिलने आने वाला हैं। जिसके बाद मौके पर पहुंची टीम ने रामशंकर गुप्ता उर्फ आशीष कुमार निवासी जनपद पीलीभीत, अरविन्द त्रिपाठी उर्फ गणेश त्रिपाठी उर्फ गुरूजी निवासी अशोक विहार नई दिल्ली को मौके से घेर घार कर दबोच लिया।
जिनके पास से 5 मोबाइल फोन,10460/- रुपये, 14 आई कार्ड, ताश के 52 पत्ते,डी0एल0, एटीएम कार्ड, पैन कार्ड, चेक बुक,पासबुक, लेटर पैड यात्री कार्ड। विजिटिंग कार्ड,बैंक स्टेटमेंट,प्रशिक्षण परीक्षा प्रश्न पत्र कॉम्पलिमेंट लेटर, 3 कार (यूपी 26 एई 0708 बैगनार) अर्टिगा कार टी 0923 एचआर 6589, डीएल 10 सीके 9544 एसेन्ट कार, समेत भारी मात्रा में विभिन्न विभागों में ट्रांसफर पोस्टिंग प्रार्थना पत्र बरामद कर लिया। पूछताछ में रामशंकर गुप्ता उर्फ आशीष गुप्ता ने कबूला कि वह किसी भी सरकारी विभाग में काम नहीं करता और न ही सुकरात विश्वविद्यालय दिल्ली का वीसी है। और बताया कि अपने नाम के अलग-अलग आधार कार्ड रखा है। मेरा असली नाम रामशंकर गुप्ता है। जालसाजी को अंजाम देने के लिए अपना नाम आशीष गुप्ता रख लिया है।
और भोले भाले लोंगो से खुद को डा0 आशीष गुप्ता बताकर, उ0प्र0 के सीएम का सुऱक्षा अधिकारी और सुकरात विश्वविद्यालय का वाइस चांसलर बताकर लोंगो पर रौब जमाता था। और उन्हे सरकारी नौकरी दिलाने की बात बोलकर जाल में फसाता वहीं पीआरडी की वर्दी पहनाकर गाड़ी में आगे बैठाकर चलता था। जिसमें/उ0प्र0 सरकार लिख हुआ हैं। हम लोंग बड़ी-बड़ी कम्पनियों के मालिको और ठेकेदारों को अलग-अलग विभागो मे ठेका दिलाने तथा पुलिस अधिकारियो के ट्रांसफर/पोस्टिंग कराने के नाम पर पैसे वसूलते थे। इस काम में दिल्ली निवासी अरविन्द त्रिपाठी उर्फ योग गुरुजी समेत पूरा गिरोह कार्य करता हैं। अरविन्द त्रिपाठी योग गुरु है। जो बडे-बडे राजनेता एवं अधिकारियों से संपर्क रखता है। तथा आध्यात्म से सम्बन्धित योग शिविर चलाता है। जहां भारी संख्या में बडे-बडे ठेकेदार तथा अधिकारी एवं राजनेता शामिल होते है। जहां अरविन्द त्रिपाठी उनका योग विद्या से प्रभाव में लेकर शासन के बडे-बडे ठेके दिलाने की बात की जाती है। जहां गुरुजी ने मेरा परिचय अधिकारी के रूप में कराया और ठेका दिलाने के नाम पर बात कर पैसों की वसूली करता था । इसी तरह हिन्दुस्तान स्काउट एण्ड गाइड एसोसिएशन की ट्रेनिंग कराने व नौकरी दिलाने के नाम पर लगभग 100 बच्चों से साढ़े सात हजार रुपये प्रति बच्चे के हिसाब से पैसा लिया गया था। और विभिन्न विभागों में ठेका दिलाने के नाम पर अब तक करोड़ों रूपये की ठगी कर चुके है। पकड़े गए दोनो जालसाजों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही हैं।