-5 दिन पहले तैयार किया गया था पास्ता
वाशिंगटन (ईएमएस) । ब्रसेल्स में एजे नाम के 20 वर्षीय एक लड़के की टमाटर सॉस में दोबारा गर्म किया हुआ पास्ता खाने से मौत हो गई। 5 दिन पहले पास्ता तैयार किया गया था जो किचन में ऐसे ही छोड़ दिया था। स्कूल से लौटने के बाद, एजे ने उसी को माइक्रोवेव में गर्म कर खा लिया उसके बाद खेलने चला गया। लेकिन कुछ देर के बाद ही अचानक उसे जी-मचलने, पेट दर्द और सिरदर्द का अनुभव होने लगा। ‘30 मिनट बाद वह घर पहुंचा और खूब उल्टियां की। उसने लगातार पानी जैसा दस्त किया और आधी रात के करीब सो गया। रात में उसके माता-पिता को इसके बारे में पता चला और उन्होंने सुबह 11 बजे उसकी जांच की तो पता चला कि उनका बेटा मर चुका है।’
बॉडी पोस्टमॉर्टम करने के बाद मालूम चला कि, ‘पास्ता खाने के 10 घंटे बाद, सुबह लगभग 4 बजे लड़के की मौत हो गई।’ डॉक्टरों ने बताया कि यह बैसिलस सेरेस बैक्टीरिया के कारण खाना के विषाक्त होने की वजह से उसकी मौत हुई। जांच में ये मालूम हुआ कि लड़का सेंट्रिलोबुलर लिवर नेक्रोसिस से भी पीड़ित था, जिसके वजह से उसके अंगों ने काम करना बंद कर दिया था।’ पास्ता को कई दिनों तक बाहर रखने से इसमें बैक्टीरिया काफी तेजी से बढ़ते हैं जिससे जहर की सांद्रता 14।8 एमजी/जी तक बढ़ गई थी और लड़के की मौत हो गई।इस लड़के की मौत 2008 में हो गई थी, लेकिन साल 2011 में उसका मामला सामने आया जब फ्राइड राइस सिंड्रोम शब्द टिकटॉक पर वायरल हुआ था।
इसका मतलब है कि, ‘सही से स्टोर नहीं किए पके भोजन को दोबारा दोबारा गर्म करने से होने वाली खाद्य विषाक्तता।’ इसमें चावल, आलू और पास्ता जैसे खाद्य पदार्थ शामिल है। ऐसे भोजन खाने से कोई भी इंसान 6-7 घंटे के अंदर मर सकता है। वहीं, पके हुए भोजन को कमरे के तापमान पर खुले में जितनी अधिक देर तक रखा जाएगा, जीवाणुओं द्वारा भोजन को खाने के लिए असुरक्षित बनाने की संभावना उतनी ही बढ़ जाती हैं। ये विषाक्त पदार्थ सेवन के बाद आंतों में भी विकसित हो सकते हैं। ऐसे भोजन के सेवन करने के 15 घंटे बाद भोजन आंत में विषाक्तता हो सकती है। यह मछली, मांस, सॉस, सूप और डेयरी के मामले में भी हो सकता है।