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झूलते तारों को अलविदा : यूरोप की तर्ज पर अब बिजली दौड़ेगी जमीन के नीचे, जानिए क्या है तैयारी

देहरादून । देहरादून के लोग जल्द ही एक बड़े बदलाव का हिस्सा बनने वाले हैं। शहर की बिजली व्यवस्था में क्रांतिकारी सुधार करते हुए, उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने विद्युत लाइनों को भूमिगत करने का बीड़ा उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में, यह परियोजना देहरादून को एक आधुनिक और सुंदर शहर बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है।

देहरादून के व्यस्त मार्गों पर अब बिजली के तारों का जाल नजर नहीं आएगा। कुल 92 किमी 33 केवी, 230 किमी 11 केवी और 608 किमी लो वोल्टेज तारों को जमीन के नीचे बिछाने का काम जोरों पर है। यह कार्य तीन चरणों (लॉट्स) में पूरा किया जा रहा है, जिसमें शहर के प्रमुख इलाके शामिल हैं, जैसे दिलाराम चौक से मसूरी डायवर्जन, रमाडा होटल से बल्लूपुर चौक और विधानसभा से मोहकमपुर फ्लाईओवर।

लोगों को मिलेंगे ये फायदेसुरक्षा का गारंटी कार्ड: गिरते-लटकते तारों का खतरा खत्म, दुर्घटनाओं पर लगाम। सौंदर्यीकरण का तोहफा: बिजली के तारों से मुक्त साफ-सुथरा शहर।कम रखरखाव का झंझट: हवा, बारिश या पेड़ों से अब बिजली आपूर्ति में बाधा नहीं।कम बिजली चोरी: भूमिगत तारों के चलते चोरी पर कड़ा अंकुश।

यूरोपीय मॉडल जैसा होगा देहरादूनयह परियोजना न केवल देहरादून को अधिक सुरक्षित बनाएगी, बल्कि इसे यूरोपीय और विकसित देशों की तर्ज पर आधुनिक शहरों की सूची में शामिल करेगी।

आखिरी पलों में भी सतर्कताप्रबंधन ने निर्देश दिया है कि हर दिन खुदाई के बाद गड्ढों की भराई सुनिश्चित हो। साथ ही, अस्पतालों और अन्य आपातकालीन स्थानों पर काम बेहद सावधानी से किया जा रहा है।

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