नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के मेडिकल कॉलेज अग्निकांड घटना में 10 नवजात शिशुओं की मौत के बाद शनिवार को सरकार ने मामले की जांच के लिए कमेटी का गठन कर दिया है। साथ ही, सरकार ने मृतक शिशुओं के माता-पिता को पांच-पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता देने की घोषणा की। उत्तर प्रदेश सरकार के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
जांच टीम में 4 डॉक्टरों के पैनल का गठन किया गया है। इसका नेतृत्व चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के महानिदेशक करेंगे। इसके अलावा कमेटी में चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं निर्देशक, चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं पर निर्देशक और महानिदेशक, अग्निशमन द्वारा नामित अधिकारी सदस्य होंगे। कमेटी आग लगने के शुरुआती कारणों के बारे पता लगाएगी। इसके साथ ही लापरवाही के तौर पर भी मामले को जांच करेगी। कमेटी गठन के बाद 7 दिनों में जांच की रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।
झांसी के डीएम अविनाश कुमार ने घटना के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि वार्ड में कुल 49 बच्चे भर्ती थे। जिसमें 38 बच्चे को बचा लिया गया। इन सभी बच्चों का इलाज चल रहा है। मृतकों में बच्चों के शव परिजनों को सुपुर्द किए गए हैं।
बता दें कि, 3 बच्चों की शिनाख्त अभी जारी है। इसके अलावा एक बच्चा मिसिंग है। शुरुआती जांच में पता चला है कि शार्ट सर्किट के चलते आग लगने की बात सामने आ रही है। हालांकि डीटेल रिपोर्ट कमिश्नर और DIG सौंपेंगे। तभी जाकर मामले के बारे में पता चलेगा। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने झांसी मेडिकल कॉलेज के एनआईसीयू में हुई इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। पीएम ने मृतक परिवारों को दो-दो लाख रुपये मदद करने को कहन है।