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ज्ञानवापी सर्वे मामले में एएसआई के प्रार्थना पत्र पर आज होगी सुनवाई, जानिए अब तक क्या-क्या हुआ….

 

—अदालत में सर्वे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए एएसआई ने 21 दिन का समय मांगा है

वाराणसी (हि.स.)। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने ज्ञानवापी परिसर में किए गए सर्वे की रिपोर्ट पेश करने के लिए जिला अदालत में प्रार्थना पत्र देकर तीन सप्ताह का और समय मांगा है। इस मामले में बुधवार को जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में समयाभाव के कारण सुनवाई नहीं हुई। 30 नवम्बर को इस मामले में अदालत में सुनवाई होगी। अदालत को दिए गए प्रार्थना पत्र में एएसआई ने कहा है कि ज्ञानवापी में हुए सर्वे की रिपोर्ट अभी तैयार नहीं है। सर्वे में इस्तेमाल किए गए अत्याधुनिक ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रडार तकनीक के आंकड़ों को रिपोर्ट में शामिल करने में समय लग रहा है। इसके पहले, 17 नवंबर को एएसआई के अधिवक्ता ने 15 दिन का समय देने के लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। इस पर अदालत ने रिपोर्ट जमा करने के लिए 10 दिन का समय दिया था। बीते 28 नवंबर को एएसआई को अदालत में सर्वे रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सौंपना था। रिपोर्ट समय से तैयार न होने पर एक बार फिर एएसआई ने अदालत से 21 दिन का और समय मांगा है।

ज्ञातव्य है कि जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी के सील वजूखाने को छोड़कर शेष परिसर का एएसआई सर्वे कराने का आदेश दिया था। अदालत के निर्देश पर 24 जुलाई को एएसआई टीम ने ज्ञानवापी परिसर में वैज्ञानिक सर्वे शुरू किया था। इसके बाद जिला अदालत के आदेश के विरोध में प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया । सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए एएसआई के सर्वे पर रोक लगा दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट और इलाहाबाद हाई कोर्ट से आदेश मिलने के बाद एएसआई के 40 सदस्यीय दल ने फिर ज्ञानवापी परिसर में चार अगस्त से सर्वे शुरू किया था। एएसआई ने सर्वे में ग्राउंड पेनेट्रेशन रडार सिस्टम (जीपीआरएस ) सहित अत्याधुनिक उपकरणों की मदद और पारंपरिक तकनीक के जरिए ज्ञानवापी परिसर में बने ढांचे और इसके तहखानों से लेकर गुंबद और शीर्ष की नाप जोख कर विस्तृत रिपोर्ट तैयार की है। इसमें हैदराबाद और कानपुर के एएसआई विशेषज्ञों ने भी पूरा सहयोग दिया।

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