प्रयागराज (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर स्थित वजूखाने का आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) से सर्वे कराने की मांग में दाखिल पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए 09 सितंबर की तारीख नियत की है।
कोर्ट ने अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद के जवाबी हलफनामे के प्रत्युत्तर के लिए याची को दो सप्ताह का समय दिया है। इस मामले में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद की ओर से जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया। याची राखी सिंह की ओर से इसके जवाब के लिए समय मांगा गया, जिस पर कोर्ट ने याची को समय देते हुए अगली सुनवाई के लिए नौ सितम्बर की तारीख लगा दी।
निगरानी याचिका में शृंगार गौरी मामले की मुख्य वादी राखी सिंह ने जिला न्यायालय के आदेश को चुनौती दी है। जिला न्यायालय ने मौके पर यथास्थिति बनाए रखने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के कारण इस मामले में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए अर्जी खारिज़ कर दी थी। याची का कहना है कि जिस तरह ज्ञानवापी के पूरे परिसर का एएसआई सर्वे किया गया है। उसी तरह शिवलिंग आकृति को छोड़कर सील वजूखाने का भी एएसआई सर्वे किया जाना चाहिए ताकि वजूखाने के वास्तविक चरित्र का पता चलेगा।
दो साल पहले कोर्ट कमिश्नर के सर्वे में ज्ञानवापी परिसर में शिवलिंग आकृति मिलने के बाद पूरे वजूखाने को सील कर दिया गया था। याची का कहना है कि शिवलिंग आकृति को छोड़कर पूरे वजूखाने का बिना कोई नुकसान पहुंचाए सर्वे कराया जाए।