-श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिक्षेत्र में सुरक्षा की किलेबंदी, अब सर्वे में ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा
वाराणसी, 06 अगस्त (हि.स.)। इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश और देश के शीर्ष अदालत के मार्गदर्शन में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) टीम का सर्वे रविवार को तीसरे दिन शुरू हो गया है। एएसआई की टीम कड़ी सुरक्षा के बीच पूर्वाह्न नौ बजे पहुंची। सर्वे शुरू करने से पहले मस्जिद के तहखाने को साफ करा कर एग्जॉस्ट लगाया लगाया। मस्जिद के पश्चिमी दीवार से लेकर बैरिकेडिंग तक के क्षेत्र में मौजूद घास हटा दी गई। पूरी ज्ञानवापी बिल्डिंग को एक ही बार में देखने के लिए सैटेलाइट के जरिए 3डी इमैजिनेशन तैयार किया गया है। एएसआई की टीम दीवारों की 3डी इमेजिंग, मैपिंग और स्क्रीनिंग भी करेगी।
वादी हिन्दू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने सर्वे में भाग लेने के पूर्व पत्रकारों को बताया कि मस्जिद के व्यासजी का तहखाना खोला जाएगा। टीम आज व्यासजी के तहखाने में साक्ष्य जुटाएगी। कल पश्चिमी दीवार का विस्तृत अध्ययन किया गया। पश्चिमी दीवार से लेकर बैरिकेडिंग तक के क्षेत्र में मौजूद घास हटा दी गई। ‘तहखाना’ साफ कर दिया गया और एग्जॉस्ट लगाया जा रहा है।
उन्होंने कहा, मैंने केंद्रीय गुंबद के नीचे एक खोखली आवाज की ओर इशारा किया, इसकी जांच की जा रही है। केंद्रीय गुंबद के बगल का एक क्षेत्र, जो कृत्रिम रूप से ढका हुआ है, उसकी ओर भी इशारा किया गया था। इसलिए जांच चल रही है। यह एक लंबी जांच है। उन्होंने कहा कि कोर्ट ने हमें चार हफ्ते का समय दिया है। काम हो रहा है। आने वाले समय में ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार मशीन का इस्तेमाल किया जाएगा।
हिन्दू पक्ष के ही अधिवक्ता अनुपम द्विवेदी के अनुसार पिछले साल अधिवक्ता आयुक्त ने कमीशन की जो कार्रवाई की थी, उससे यह सर्वे पूरी तरह से अलग है। पिछले साल किसी वस्तु को छूने का अधिकार नहीं था। आंखों के सामने जो दिख रहा था, रिपोर्ट में सिर्फ उसका ही उल्लेख किया गया था। एएसआई की टीम देखने के साथ उसे छूकर जांच कर रही है। जरूरत के अनुसार बिना खोदाई या तोड़फोड़ किए हुए नमूने भी एकत्र कर रही है।
माना जा रहा है कि वाराणसी समेत विभिन्न जिलों से आए एएसआई टीम के सदस्य पाली में सर्वे करेंगे। पहली पाली सुबह 9 से 12.30 तक की होगी। ढाई बजे के बाद दूसरी पाली में नए कर्मी रहेंगे।