कानपुर (हि.स.)। महाराजगंज जेल में बंद सपा विधायक इरफान सोलंकी की मुसीबतें और बढ़ सकती हैं, क्योंकि उन्हीं के सहयोगी ने मंगलवार को विधायक पर धमकाने और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है। मामले में पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड ने जांच के आदेश दे दिए हैं। संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि पीड़िता को सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी और साथ ही मामले की गहनता से जांच कर आगे की विधिक कार्यवाही की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि आर्यनगर सीट से सपा विधायक इरफान सोलंकी एक विधवा महिला का प्लाट कब्जाने व आगजनी के मामले में महाराजगंज जेल में बंद है। जेल जाने के बाद भी विधायक पर मुकदमें बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को एक और मामला उस समय सामने आया जब विधायक के करीबी व पार्टनर वसीम राइड ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। वसीम ने पुलिस कमिश्नर बीपी जोगदंड के सामने पेश होकर इरफान सोलंकी, उनकी पत्नी नसीम और चाचा मेराज समेत अन्य पर धोखाधड़ी और धमकाने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है।
उन्होंने पुलिस कमिश्नर से बताया कि कानपुर हिंसा के आरोपी हाजी वसी की हमराज कंस्ट्रक्शन में वह निदेशक है। उनके साथ ही इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी, चाचा मेराज सोलंकी निदेशक हैं। वसीम ने बताया कि कंपनी का पंजीकरण 25 जून 2013 में हुआ। 2014-15 में जमीन खरीद फरोख्त के लिए मेराज को वसीम ने लगभग साढ़े तीन करोड़ किस्तों में दिए थे। जिससे मेराज ने एक अन्य सहयोगी मुशीर के नाम पर चमनगंज में जमीन खरीदी और उस पर बहुमंजिला इमारत खड़ी कर दी गई। इमारत बनाने में 1.35 लाख रुपये लेबर का खर्च हुआ जो कि वसीम ने दिया। इमारत खड़ी हुई तो उनके हिस्से में नौ फ्लैट और छत आए। उनके बेटे फरहान को पावर ऑफ एटर्नी के जरिए फ्लैट बेचने का हक दिया गया।
वसीम ने आरोप लगाया कि इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी और मेराज ने फर्जी गवाह खड़े कर पावर ऑफ एटॉर्नी निरस्त करा दी। कोरोना काल में वसीम बीमार हुए तो पूरी इमारत हथियाकर उसे बेच लिया और उनके करोड़ों रुपये हड़प लिए।
संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी ने बताया कि पुलिस आयुक्त के निर्देश पर मामले की जांच की जा रही है।