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जानिए हमास आतंकियों के आकाओं की कितनी है नेट वर्थ, किसकी मदद से मचाते हैं आतंक?

Israel-hamas war: इजराइल का दावा है कि हमास के नेताओं की नेट वर्थ बिलियन में है। खालिद मशाल की नेट वर्थ $5 बिलियन है।

 इजरायल पर हमला कर हमास आतंकियों ने लाखों लोगों को युद्ध की आग में झोंक दिया। इसका नतीजा ये हुआ कि गाजा में रह रहे नागरिकों के लिए खाने-पीनी की भी समस्या खड़ी हो गई है। इजरायल और गाजा पट्टी से लाखों लोगों को पलायन करना पड़ा है, लेकिन जिन नेताओं के इशारे पर हमास आतंकियों ने इजरायल पर हमला किया। वो आज भी मौज काट रहे हैं। उनकी तिजोरी में अकूत दौलत है।

इजराइल विदेश मंत्रालय ने सोशल मीडिया पर हमास के नेताओं की नेट वर्थ के आंकड़े जारी किए हैं। जिसके अनुसार

  • खालिद मशाल- $5 बिलियन
  • इस्माइल हानियेह- $5 मिलियन
  • मौसा अबू मरजूक- $3 बिलियन

इजराइल विदेश मंत्रालय ने यह आंकड़े एमएसएन/ग्लोब्स के हवाले से जारी किए हैं। इससे ये साफ है कि हजारों लोगों को मौत के मुंह में झोंककर हमास नेता अपनी जेबें भर रहे हैं।

खालिद मशाल

लोगों में नफरत फैलाने वाले खालिद मशाल का जन्म वेस्ट बैंक में हुआ पला-बढ़ा कुवैत और जॉर्डन में। खालिद कभी गाजा में नहीं रहा है। उसने जॉर्डन, सीरिया, कतर और मिस्र में रहकर ही काम किया है। खालिद फिलहाल कतर में रहता है। केरल में हुए बम ब्लास्ट से पहले खालिद ने वर्चुअल संबोधन दिया था। खालिद मशाल हमास का प्रमुख राजनीतिक ब्यूरो भी रह चुका है।

इस्माइल हानिये

हमास ने इजरायल पर हमला इस्माइल हानिये के नेतृत्व में किया था। आतंकी संगठन हमास का चीफ इस्माइल हानिये का जन्म 29 जनवरी, 1962 को गाजा पट्टी के एक शरणार्थी शिविर में हुआ था। गाजा इस्लामिक विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान ही हानिया आतंकी संगठन हमास के साथ जुड़ गया था। साल 1997 में हमास ने उसका कद बढ़ाया। 2006 में फिलिस्तीन का प्रधानमंत्री बना। इसके बाद साल 2007 में जब हमास संघर्ष अपने चरम पर था तब फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने उसे बर्खास्त कर दिया था।

2016 में हानिया को हमास के प्रमुख राजनीतिक ब्यूरो रहे खालिद मशाल की जगह देने का ऐलान किया गया और 6 मई 2017 के दिन हमास के राजनीतिक प्रमुख के रूप में चुना गया। इसके बाद अगस्त 2021 को एक बार फिर से हमास ने इस्माइल को अपना सर्वोच्च नेता चुना। इसके बाद हमास में निर्णय लेने वाली शूरा परिषद ने हानिये को चार साल का नया कार्यकाल दिया था। इस्माइल को निर्विरोध ही चुना गया था इस बात से पता चलता है कि हमास में हानिया का कितना दबदबा है।

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