—अयोध्या से रामेश्वरम तक लगेंगे 290 स्तम्भ
—अशोक सिंघल फाउंडेशन कराएगा स्तम्भो की स्थापना
–+अयोध्या के पौराणिक स्थल मणि पर्वत पर 27 सितंबर को स्थापित किया जाएगा पहला स्तम्भ
अयोध्या। राम नगरी अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण तेजी से चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में जनवरी माह में मंदिर के गर्भगृह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस मौके पर श्रीराम जन्मभूमि स्थल पर आयोजित होने वाले समारोह को भव्य बनाने की तैयारी की जा रही है। मंदिर निर्माण के साथ ही भगवान राम के जीवन से जुड़े स्थानों को भी पहचान दी जा रही है। भगवान राम से जुड़े स्थलों को एकबार फिर से जीवंत करने के लिए अशोक सिंघल फाउंडेशन ने एक योजना तैयार की है। राम मंदिर आंदोलन के महानायक रहे स्वर्गीय अशोक सिंघल के नाम से बनी यह संस्था अयोध्या से रामेश्वरम तक के राम वन गमन मार्ग पर 290 शिलालेख स्थापित करेगा। इसकी शुरुआत उनके जन्मदिन 27 सितंबर को अयोध्या के पौराणिक महत्व के स्थल मणिपर्वत से होगी। राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय ने यह जानकारी दी है। जो अशोक सिंघल फाउंडेशन के ट्रस्टी भी हैं।
300 स्थलों को स्तम्भ लगाने के लिए किया गया चिन्हित
अशोक सिंघल फाउंडेशन के ट्रस्टी चंपत राय ने बताया कि पूर्व आयकर अधिकारी राम अवतार शर्मा ने राम वनगमन मार्ग पर करीब 300 प्रमुख धार्मिक स्थलों का शोध किया था।ऐसे स्थलों पर पिंक सैंड स्टोन के स्तंभ लगाए जाएंगे। इन स्तंभों पर वाल्मीकि रामायण में वर्णित इन स्थलों के महत्त्व व स्थानीय कथाओं का वर्णन अंकित रहेगा। प्रत्येक स्तंभ 120 वर्ग फीट क्षेत्र में स्थापित किए जाएंगे जिसकीअनुमति प्रशासन से ले ली गई है। ये स्तंभ जिन स्थलों पर लगेंगे, वहाँ वाल्मीकि रामायण में वर्णित इसके महत्व को संस्कृत भाषा में अंकित किया जाएगा। साथ ही वहां की प्रचलित भाषा में उसका अनुवाद भी रहेगा। जैसे दक्षिण के प्रांतों में तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और अंग्रेजी में अनुवाद किया जा सकता है। चंपत राय का कहनाा है की इन स्तंभों के लगाए जाने से लोग भगवान राम से जुड़े स्थलोंं को जान सकेंगे और उन स्थलों का महत्व और भी बढ़ जाएगा।