जम्मू कश्मीर के बडगाम के मजहामा गांव में आतंकियों ने दो गैर कश्मीरी लोगों को गोली मारी दी। दोनों घायलों को अस्पताल में एडमिट कराया गया है।
घायलों की पहचान सुफियान और उस्मान के रूप में हुई है। दोनों यूपी में सहारनपुर के रहने वाले हैं। ये बडगाम में जल जीवन प्रोजेक्ट में काम कर रहे थे।
पिछले 12 दिनों में जम्मू-कश्मीर में गैर कश्मीरी लोगों पर यह दूसरा हमला है। 20 अक्टूबर को गांदरबल जिले के गगनगीर इलाके में आतंकियों ने 7 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इनमें एक डॉक्टर की पहचान शहनवाज अहमद के तौर पर हुई थी।
इससे पहले 16 अक्टूबर को शोपियां में आतंकियों ने गैर-स्थानीय युवक की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
2024 में चार अन्य टारगेट किलिंग
22 अप्रैल: राजौरी में आतंकियों ने एक घर पर फायरिंग की थी। इसमें 40 साल के मोहम्मद रज्जाक की मौत हो गई थी। वे कुंडा टोपे शाहदरा शरीफ के रहने वाले थे। अप्रैल में टारगेट किलिंग की ये तीसरी वारदात थी।
रज्जाक के भाई सेना में जवान हैं। 19 साल पहले आतंकियों ने इसी गांव में रज्जाक के पिता मोहम्मद अकबर की हत्या कर दी थी। वे वेलफेयर डिपार्टमेंट में काम करते थे। रज्जाक को पिता की जगह नौकरी मिली थी।\
8 अप्रैल: दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले के पदपावन में आतंकियों ने गैर कश्मीरी स्थानीय ड्राइवर परमजीत सिंह को गोली मारी थी। वह दिल्ली का रहने वाला था। आतंकियों ने परमजीत पर उस वक्त हमला किया था, जब वह अपनी ड्यूटी पर था। घटना को अंजाम देने के बाद आतंकी मौके से भाग निकले थे।
17 अप्रैल: आतंकियों ने बिहार के एक प्रवासी शंकर शाह की गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमलावरों ने उसे पेट और गर्दन में गोलियां मारी थीं।
TRF का मकसद कश्मीरी पंडितों, प्रवासी कामगारों, सरकारी अफसरों, नेताओं और सिक्योरिटी फोर्सेस को निशाना बनाता है। 370 हटने के बाद सरकारी योजनाओं, कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास की योजनाओं पर पानी फेरना और अस्थिरता फैलाना इसका मकसद है। इसने सरकार या पुलिस में काम करने वाले उन स्थानीय मुस्लिमों को भी निशाना बनाया है, जिन्हें वह भारत का करीबी मानता है।