– 2018 में प्रदेश की 13 सीटों पर नोटा ने बिगाड़ दिया था भाजपा-कांग्रेस की जीत का गणित
भोपाल, (ईएमएस)। यदि वोटर्स को उम्मीदवार पसंद नहीं और उसने नोटा दबा दिया तो, उम्मीदवार को कितनी मुश्किल हो सकती है, इसका अंदाज 2018 के हार-जीत के आंकड़ों को देखकर लगाया जा सकता है। इस चुनाव में नोटा ने प्रदेश की 13 सीटों पर भाजपा-कांग्रेस के उम्मीदवारों की जीत का गणित बिगाड़ दिया था। ये वो सीटें थीं जहां नोटा उम्मीदवारों की हार-जीत का अंतर नोटा के वोटों से कम रहा था।जबकि नोटा में ज्यादा वोट पड़े थे। कहने का मतलब है कि 2018 के चुनाव में नोटा से सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को हुआ था। भाजपा 10 सीटों पर सिर्फ नोटा की वजह से हार गई थी। इसमें सबसे कम अंतर की जीत 121 वोटों की ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर रही थी। यहां नोटा को 1150 वोट मिले थे।
–नोटा की वजह भाजपा ये 10 सीटें हार गई थी
-जबलपुर उत्तर विधानसभा सीट पर पूर्व राज्यमंत्री शरद जैन को 578 वोटों से हार का मुंह देखना पड़ा था। इस सीट पर मतदाताओं ने 1209 वोट नोटा को दिया था। इस सीट से कांग्रेस के विनय सक्सेना ने जीत दर्ज की थी।
-जोबट विधानसभा सीट पर हार-जीत का अंतर 2056 वोटों का था। इस सीट से कांग्रेस की कलावती भूरिया ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 46067 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के माधौसिंह डाबर को 44011 वोट मिले थे। जबकि नोटा को 5139 वोट मिले थे।
-नेपानगर विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार भी नोटा की वजह से हार गए थे। उनकी हार 732 वोटों से हुई थी, लेकिन नोटा में 2551 वोट गए थे। इस सीट से कांग्रेस की सुमित्रा देवी कासडेकर ने चुनाव जीता था।
-सुवासरा विधानसभा सीट पर भाजपा के राधेश्याम पाटीदार कांग्रेस के हरदीप डंग से सिर्फ 350 वोटों से हार गए थे। यहां नोटा को 2976 वोट मिले थे।
-दमोह सीट पर भी जीत-हार के अंतर से ज्यादा नोटा के खाते में वोट थे. यहां नोटा को वोट मिले थे 1299, जबकि जीत-हार का अंतर था 798 वोटों का. यहां कांग्रेस के राहुल सिंह चुनाव जीते थे।
-ब्यावरा विधानसभा सीट पर नोटा के खाते में आए थे 1481 वोट, जबकि जीत-हार का अंतर 826 वोटों का था। यहां से कांग्रेस के गोवर्धन दांगी ने चुनाव जीता था।
-मांधता सीट पर हार-जीत का अंतर सिर्फ 1236 वोटों का हुआ था। यहां भाजपा के नरेन्द्र तोमर कांग्रेस के नारायण पटेल से हार गए थे। कांग्रेस उम्मीदवार को 71 हजार 228 वोट और भाजपा को 69992 वोट मिले थे। जबकि 1575 वोटर्स ने नोटा दबाया था।
-राजपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के बाला बच्चन 932 वोटों ने जीत दर्ज की थी। यहां से भाजपा के उम्मीदवार अंतर सिंह पटेल चुनाव हार गए थे। यहां 3358 लोगों ने नोटा दबाया था।
-गुन्नौर विधानसभा सीट पर भी हार-जीत का अंतर सिर्फ 1984 वोटों का था। जबकि 3734 वोटर्स ने नोटा दबाया था। इस सीट से कांग्रेस के शिवदयाल बागरी चुनाव जीते थे।
-इसी तरह से ग्वालियर दक्षिण सीट पर हार-जीत का अंतर बेहद कम रहा। यहां भाजपा के नारायण सिंह कुशवाहा काग्रेस के प्रवीण पाठक से सिर्फ 121 वोटों वोटों से हार गए थे। इस सीट पर 1150 वोटर्स ने नोटा दबाया था।
-नोटा की वजह से कांग्रेस ये सीट हार गई थी
-जावरा विधानसभा सीट पर हार-जीत के अंतर से ज्यादा नोटा के वोट थे। यहां नोटा पर 1510 मतदाताओं ने वोट डाला था, जबकि हार-जीत का अंतर 511 वोटों का था। इस सीट से भाजपा के राजेन्द्र पांडेय चुनाव जीते थे।
-कोलारस विधानसभा सीट पर जीत-हार का अंतर 720 वोटों का था। जबकि नोटा के खाते मे गए थे 1674 वोट। इस सीट पर भाजपा के वीरेन्द्र रघुवंशी चुनाव जीते थे।
-बीना विधानसभा सीट पर जीत-हार का अंतर सिर्फ 460 वोटों का था। जबकि 1531 वोटर्स ने नोटा पर बटन दबाया था। इस सीट पर भाजपा के महेश राय ने जीत दर्ज की थी।