बीजिंग (ईएमएस)। इन दिनों चीन में महिलाएं बच्चे पैदा करने वाली सरकारी नीति का विरोध कर रही हैं। हालांकि चीन घटती आबादी और मंदी का सामना कर रहा है। ऐसे माहौल में शी जिनिपंग के नेतृत्व वाली सरकार चाहती है कि चीन की महिलाएं विनम्र, आबादी बढ़ाने में मददगार, सामाजिक-आर्थिक और जनसांख्यिकीय स्थिरता की गारंटी देने वाली बनें। वहीं दूसरी ओर कई चीनी महिलाओं को यह नीति पसंद नहीं है। यह महिलाएं खुद के निर्णय लेने में दिलचस्पी रखती हैं। यही कारण है कि वे सरकार की इस नीति का चुपचाप विरोध कर रही हैं। राष्ट्रपति जिनपिंग ने साफ कर दिया है कि चीनी आधुनिकीकरण की योजनाओं में महिलाओं को साथ देना जरूरी है।
इस दिशा में सरकार ने महिलाओं को शादी करने और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए अभियान शुरू किया है। हालांकि 2021 में जारी किए गए कम्युनिस्ट यूथ लीग सर्वेक्षण में पाया गया कि 18 से 26 वर्ष की आयु के 30.5 प्रतिशत शहरी युवाओं ने कहा कि वे शादी में विश्वास नहीं करते हैं। इन में से 73.4 प्रतिशत महिलाएं थीं। तब सरकार ने कहा कि महिलाएं कॅरियर छोड़ें और शादी करें, इसके लिए भी कानून में बदलाव किया गया है। जिस के कारण चीनी महिलाओं के लिए घरेलू हिंसा में न्याय मिलना और तलाक की प्रक्रिया जटिल हो रही है।
जानकार बता रहे हैं कि यही वजह है कि यहां शादी उनके लिए दुस्वप्न बन सकती है। हालांकि महिलाएं सरकार की नीति को चुनौती देने के लिए तैयार नहीं हैं। लेकिन, उपलब्ध विकल्पों का इस्तेमाल कर सामूहिक रूप से सरकार के लिए चुनौती पेश कर रही हैं। चीन 27 वर्ष से अधिक उम्र की सिंगल पेशेवर महिलाओं को शेंग नु यानी जिनके आगे-पीछे कोई नहीं के रूप में दिखाता है। जबकि युवा चीनी महिलाएं या तो शादी में देरी कर रही हैं या शादी के बाद मां बनने से पूरी तरह परहेज कर रही हैं।