जिनेवा (ईएमएस)। चीन में इन दिनों निमोनिया से मिलती-जुलती एक नई बीमारी कहर ढा रही है। यह बहुत ही घातक बीमारी बताई जा रही है, जिसका बच्चे शिकार हो रहे हैं। इस बीमारी के लक्षण काफी हद तक निमोनिया से मिलते-जुलते हैं। बीमारी ने अभी तक हजारों बच्चों को संक्रमित कर अपनी चपेट में ले लिया है। ताजा हालातों को देखते हुए डब्ल्यूएचओ भी इसे एक बड़ा खतरा मान रही हैं। वहीं चीन के अधिकारी इसे कोई नई बीमारी मानने से मना कर रहे हैं। उनका कहना है कि कोविड के प्रतिबंधों को हटाने की वजह से ये मामले बढ़े हैं। चार साल पहले भी कोविड के शुरुआती केस सामने आने के बाद चीन ने कुछ ऐसा ही बयान दिया था। खास बात ये भी है कोविड और निमोनिया दोनों की शुरुआत का केंद्र चीन का वुहान शहर ही है। नवंबर महीने की शुरुआत से ही चीन में इस रहस्यमयी बीमारी से पैर फैलाने शुरु किए। 13 नवंबर को चीनी अधिकारियों को इसे लेकर स्पष्टीकरण देना पड़ा था।
चीनी अधिकारियों इस दौरान सिर्फ सांस लेने संबंधी बीमारी के बारे में बताया था। हालांकि 21 नवंबर को अचानक से मामलों से बढ़ोतरी देखने को मिली। ज्यादा से ज्यादा बच्चा इसे संक्रमित होने लगे, जिससे स्कूल को बंद करने तक की नौबत आ गई। इससे पहले भी कोविड के समय पर पहली बार 17 नवंबर को एक व्यक्ति में कोरोना के लक्षण मिले जि। जिसका नतीजा पूरी दुनिया को भुगतना पड़ा। लगभग 5.55 करोड़ से ज्यादा लोग इस वायरस का शिकार बने थे। वहीं निमोनिया के लगातार बढ़ते मामलों को देखतर अब डब्ल्यूएचओ ने चीन से विस्तार से इस बीमारी के बारे में जानकारी मांगी है।
जवाब में चीन ने महज 24 घंटों के अंदर कहा है कि ये कोई नई बीमारी नहीं है, ये बहुत ही सामान्य बैक्टीरियल इंफेक्शन है और ये बेकाबू नहीं है। लेकिन चीन के दावों को इसलिए शक की नजरों से देखा रहा है क्योंकि जहां वो इस बीमारी के काबू में होने की बात कर रही है, वहीं अब इसके कुछ मामले दक्षिण कोरिया में भी पाए गए हैं। वहीं पूरे देश भर में अब तक 200 से ज्यादा मामला रिपोर्ट हो चुके हैं। दुनियाभर में संक्रामक बीमारियों पर नजर रखने वाली संस्था प्रोमेड ने ही सबसे पहले इस बीमारी के बारे में चेतावनी दी थी। संस्था का कहना है कि चीन के लिओनिंग प्रांत में रहस्यमयी निमोनिया फैल रहा है। इस बीमारी की पहुंच बीजिंग तक हो गई है और वहां के अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में बच्चे भर्ती है।