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चक्रवात मिगजॉम से जनजीवन प्रभावित…तीन दिन से बिना बिजली, दूध और पानी के रह रहे लोग

चेन्नई (ईएमएस)। चेन्नई और उसके आसपास के जिलों में चक्रवात मिगजॉम द्वारा मचाई भारी तबाही के बाद लोगों को जलभराव और बिजली की समस्या से जूझना पड़ा। हालांकि लोकल एजेंसियों के कर्मचारियों ने राहत और पुनर्वास के प्रयास तेज किए हैं। स्टालिन सरकार ने कहा कि कई इलाकों में बिजली के तार पानी में डूबे होने के कारण ‘‘एहतियाती उपाय के तौर पर बिजली आपूर्ति को बहाल नहीं किया गया है। सामान्य स्थिति की बहाली के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। चेन्नई में स्कूल और कॉलेजों की सात दिसंबर को एक और दिन की छुट्टी घोषित कर दी गई। चक्रवात के असर से हुई भारी बारिश के कारण वेलाचेरी और तांबरम सहित कई इलाकों में बाढ़ आ गई थी।

बुधवार को भी लोगों को जलभराव वाले इलाकों में अपने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाते देखा गया। अपने बच्चों को लेकर लोगों को सड़कों पर घुटनों तक भरे पानी के बीच से गुजरना पड़ा। लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए और अधिक नौकाएं भेजने सहित अन्य मदद के लिए गुहार लगा रहे हैं। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने बारिश प्रभावित कई इलाकों का दौरा किया और शहर के एक राहत केंद्र में आश्रय ले रहे लोगों को भोजन और आवश्यक सामग्री वितरित कीं।

एक्स पर कई लोगों ने रिहायशी इलाकों में जलभराव के वीडियो साझा कर दावा किया कि कई लोग अपने घरों में फंसे हुए हैं। एक सोशल मीडिया उपयोगकर्ता ने पोस्ट कर इस बात पर अफसोस जताया कि उनके रिश्तेदार पिछले तीन दिन से बिना बिजली, पानी और दूध के अपने घर में बंद हैं। वेलाचेरी और तांबरम सहित कई अन्य प्रभावित इलाकों में लोग दूध की आपूर्ति में देरी की शिकायत कर रहे हैं और स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि दूध को अधिक कीमत पर बेचा जा रहा है। किलपौक और कट्टुपक्कम सहित शहर के कई इलाकों में बिजली आपूर्ति बहाल नहीं हुई है।
राज्य सरकार ने कहा कि राहत कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और आधी रात के दौरान भी कई प्रभावित इलाकों में लोगों को नौकाओं के जरिए निकाला गया। स्थानीय एजेंसी ने बताया कि ग्रेटर चेन्नई नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी बचाव और राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। ग्रेटर चेन्नई पुलिस ने बचाव और राहत कार्यों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किये हैं। शहर की पुलिस ने बुधवार को बताया था कि बारिश से संबंधित घटनाओं में छह लोगों की मौत की सूचना मिली है जबकि शहर के विभिन्न इलाकों में पुलिस ने कई लोगों को सुरक्षित निकाला है। एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि जिन लोगों को बचाया गया उनमें वरिष्ठ नागरिक, गर्भवती महिलाएं और एक महिला तथा उसका नवजात शिशु भी शामिल हैं।

जहां पानी उतर चुका है, वहां सड़कों की सफाई की जा रही है और पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) सहित कई कर्मचारी राहत और पुनर्वास के कार्य में जुटे हुये हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जलभराव वाले इलाकों में खाने के पैकेट, ब्रेड और दूध की आपूर्ति की जा रही है, जबकि पेरुंबक्कम और वर्धराजपुरम के प्रभावित इलाकों में नौकाएं तैनात की गई हैं, वरिष्ठ अधिकारी राहत कार्यों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम बिजली आपूर्ति बहाल कराने के लिए तैयार हैं लेकिन कोई जनहानि नहीं और दुर्घटना नहीं होनी चाहिए। जहां भी बिजली के तार पानी में डूबे हुए हैं, वहां एहतियात के तौर पर बिजली आपूर्ति बहाल नहीं की जा रही है। शहर के 1,812 बिजली फीडर में से केवल 95 ही चालू होने बाकी हैं। इस बीच, दूध और डेयरी विकास मंत्री मनो थंगराज ने अधिक कीमत पर दूध बेचने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी।

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