लखनऊ (हि.स.)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने चकबंदी विभाग के कामों में पारदर्शिता लाने के लिए एआई (ऑर्टीफिशियल इंटेलीजेंस) के प्रयोग का निर्णय लिया है। इसको लेकर चकबंदी विभाग ने एक बैठक के दौरान सरकारी तथा गैर सरकारी 30 कम्पनियों से प्रस्तुतिकरण प्राप्त किए हैं।
बैठक में आईआईटी रुड़की के प्रोफेसर कमल जैन, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर भरत लोहानी, प्रोफेसर डॉ. दीपक कुमार द्वारा रियल टाइम कैडस्ट्रल सर्वे सल्यूशन वीद मार्डन टेक्नोलाजी पर अपना प्रस्तुतिकरण दिया, जिसमें उन्नत तकनीक का प्रयोग कर चकबंदी प्रक्रिया में तैयार किये जाने वाले अभिलेखों भूचित्र एवं स्थल पर सीमाकंन में किस प्रकार प्रयोग करते हुए किसान एवं जनसामान्य को लाभ मिल सके, इस सम्बंध में अभिमत व्यक्त किया गया। बैठक में चकबन्दी कार्यों में गुणवता और पारदर्शिता लाने के लिऐ आधुनिक तकनीक रोवर, आर्टिफ़िशियल इंटेलीजेंस, क्लाउड कम्प्यूटिंग, ब्लाकचेन एवं डिजिटालाईज़ेशन पर चर्चा की गई।
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता का कहना है कि चकबंदी सम्बंधी मामलों में लेटलतीफी, लापरवाही, अनियमितता पर अंकुश लगाने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयासरत है। इसके तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में चकबंदी सम्बंधी कार्य में अनियमितता, भ्रष्टाचार और लापरवाही पर कई अधिकारियों को निलंबित करते हुए कड़ी कार्रवाई की थी। इसी क्रम में योगी सरकार ने चकबंदी विभाग के कामों में पारदर्शिता लाने के लिए ऑर्टीफिशियल इंटेलीजेंस के प्रयोग का निर्णय लिया है।