लखनऊ, (हि.स.)। घोसी विधानसभा उप चुनाव की लड़ाई दिलचस्प होती जा रही है। उधर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अलग हुए बागी गुट ने अरविंद राजभर को सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के बैनर तले पर्चा दाखिल करवाकर दारा सिंह चौहान के वोटों में सेंध लगाने की कोशिश की है। दूसरी तरफ बसपा ने अपने उम्मीदवार की घोषणा न कर भाजपा के लिए मैदान खाली कर दिया है।
भीतरघात की संभावने भी दारा सिंह चौहान के साथ ही समाजवादी पार्टी (सपा) उम्मीदवार सुधाकर सिंह के लिए भी मुसीबत बन सकते हैं। अलग-अलग मतदाताओं का मानना है कि दारा सिंह को किसी विचारधारा से मतलब नहीं है। वह आए दिन पार्टी बदलते रहते हैं। जो कार्यकर्ता विधान सभा के आम चुनाव में उनका विरोध किये, वही फिर उनके प्रचार में लगें, यह काफी मुश्किल है।
बसपा की भी विधानसभा क्षेत्र में मजबूत पकड़ रही है। पिछली बार चुनाव में भी उसके उम्मीदवार वसीम इकबाल को 54,248 वोट मिले थे। ऐसे में बसपा से उम्मीदवार न उतारे जाने की स्थिति में उनके मतदाताओं का ज्यादातर भाजपा के साथ जाने की उम्मीद जतायी जा रही है।
सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी द्वारा प्रत्याशी उतारे जाने से दारा सिंह चौहान की मुश्किलें बढ़ गयी हैं। वहीं दूसरी तरफ बसपा द्वारा उम्मीदवार की घोषणा न होने से सुधाकर सिंह की धड़कनें बढ़ रही हैं। अभी तक मतदाता भी असमंजस में हैं, जो दोनों उम्मीदवारों की धड़कनों को और बढ़ा रहे हैं। वैसे पिछले चुनाव में दारा सिंह चौहान भाजपा से सपा में आ गये थे और घोसी से ही चुनाव लड़े थे। उस वक्त उन्हें 108,403 मत मिले थे। दूसरे स्थान पर रहे भाजपा उम्मीदवार विजय राजभर को 86,214 मत मिले थे। बसपा उम्मीदवार ने 54248 मत पाये थे।
इससे पीछे 2017 में फागू चौहान ने भाजपा से यहां विजय पताका लहराया था। इसके बाद उन्हें राज्यपाल बना दिया गया था, फिर 2019 में उप चुनाव हुए थे। तब भाजपा के उम्मीदवार विजय राजभर ने जीत हासिल की थी। सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेंद्र राजभर मऊ जिले के घोसी विधानसभा क्षेत्र के बगल के रतनपुरा ब्लॉक के रहने वाले हैं। महेंद्र राजभर 2017 यूपी विधानसभा चुनाव में बाहुबली मुख्तार अंसारी से महज 6000 वोटों से हारे थे। जमीनी स्तर पर गांव-गांव में इन नेताओं की काफी पकड़ है। ऐसे में यह राजभर वोटों को प्रभावित कर सकते हैं।
सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी के नेता अपने लोगों को यह समझाने में लगे हुए हैं कि दारा सिंह चौहान भले ही चुनाव हार जाएं लेकिन ओम प्रकाश राजभर का मंत्री बनना तय है। इस चुनाव से सरकार बनना या बिगड़ना नहीं है। ऐसे में अपने बीच से और राजभर नेता निकलने चाहिए। यही समझा कर यह लोग एनडीए का चुनावी खेल बिगाड़ने पर लगे हुए हैं।
भाजपा नेता उत्पल राय का कहना है कि यहां कोई ताकत नहीं है, जो भाजपा उम्मीदवार को हरा सके। हर कार्यकर्ता जी-जान से दारा सिंह चौहान को जिताने में लगा हुआ है। गांव-गांव में लोग दारा सिंह चौहान की चर्चा कर रहे हैं।