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घाटिया क्वालिट वाले हेलमेट बन रहे मौत का कारण, ये रिपोर्ट सच में आपको चौका देगी

नई दिल्ली (ईएमएस)। हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ने आईएसआई स्टैंडर्ड्स को सख्ती से लागू करने की बात कही है। एसोसिएशन का कहना हैं, क्योंकि 2022 में बाइक दुर्घटनाओं में 50,000 से अधिक लोगों की जान गई है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) द्वारा हाल ही में जारी रिपोर्ट में 2022 में सड़क दुर्घटनाओं के संबंध में चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के अनुसार हेलमेट न पहनने के कारण बाइक दुर्घटनाओं में 50,000 से अधिक लोगों की जान चली गई है। रिपोर्ट में खुलासा किया गया कि इसमें से 71.3 प्रतिशत मौतें वाहन चालकों की थी और 28.7 प्रतिशत यात्री थे। स्टडी के अनुसार सड़क हादसों में मृत्यु दर में 9.4 प्रतिशत की वृद्धि और दुर्घटनाओं में साल-दर-साल 11.9 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इसके अलावा, पिछले वर्ष की तुलना में 2022 में सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों की संख्या में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। लगातार दूसरे वर्ष दुर्घटनाओं और मौतों में दोपहिया वाहनों का योगदान सबसे अधिक रहा।

इसके विपरीत, कार, जीप और टैक्सियों सहित हल्के वाहन दूसरे स्थान पर रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इसमें अधिकांश दुखद घटनाएं ग्रामीण क्षेत्रों में हुई हैं। सड़क दुर्घटना में 68 प्रतिशत मौतें ग्रामीण क्षेत्रों में हुई हैं, जबकि 32 प्रतिशत मौतें शहरी क्षेत्रों में हुए सड़क हादसों में हुई हैं। इसके बाद ग्रामीण इलाकों में अधिक ध्यान देने की जरूरत है। टू-व्हीलर हेलमेट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजीव कपूर ने इन चिंताजनक आंकड़ों पर गहरी चिंता व्यक्त कर कहा, उन्होंने राज्य सरकारों से हेलमेट को अनिवार्य तौर पर पहनने संबंधित कानूनों को लागू करके तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया।
उन्होंने आईएसआई पैरामीटर हेलमेट की आवश्यकता और घटिया विकल्पों के खतरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘‘असली और प्रमाणित आईएसआई पैरामीटर हेलमेट के निर्माण में काफी लागत आती है, जिससे किसी के लिए भी 200 रुपये जैसी उल्लेखनीय कम कीमत पर हेलमेट बेचना असंभव हो जाता है। जैसा कि राजधानी दिल्ली में भी काफी आम देखा जाता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि 2022 में राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएं तमिलनाडु में दर्ज की गईं, इसके बाद मध्य प्रदेश का स्थान है। जबकि उत्तर प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक लोगों की मौत हुई। ये परिणाम हेलमेट सुरक्षा को बढ़ावा देने और सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों को कम करने के लिए तत्काल कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को दर्शाते हैं।

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