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गोरखपुर : रामगढ़ताल में जल्दी ही तैरेगा इंडियन रजिस्टर आफ शिपिंग का क्रूज, ये हैं आंकड़े

– ट्रायल का कम पूरा, दो दिनों तक चला ट्रायल

– संतुष्ट होकर वापस लौटी है ट्रायल टीम, जल्दी ही मिल सकती है संचालन की मंजूरी

– यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ के हाथों शुरू कराने की है तैयारी

गोरखपुर,  (हि.स.)। गोरखपुर के रामगढ़ ताल में जल्दी ही क्रूज का संचालन शुरू हो सकता है। वजह, इंडियन रजिस्टर आफ शिपिंग ने दो दिनों तक रामगढ़ताल में क्रूज का ट्रायल कर इसके संकेत दे दिये हैं। इसी माह संचालन कार्य शुरू करने की तैयारी भी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसे झंडी दिखा सकते हैं।

रामगढ़झील में क्रूज संचालन के लिए इंडियन रजिस्टर आफ शिपिंग ने ट्रायल की प्रक्रिया गुरूवार को शुरू कर दी थी। यह प्रक्रिया शुक्रवार को पूर्ण हो गई। अब शनिवार यानी आज शाम तक क्रूज का निर्माण करने वाली फर्म मेसर्स राजकुमार राय, स्वयं भी झील में संचालन के लिए ट्रायल करेगी। इधर, गुरुवार और शुक्रवार को क्रूज़ संचालन का ट्रायल कर वापस लौटी टीम ने क्रूज के रामगढ़ झील में संचालन के लिए अपना स्वीकृति पत्र सौंपने के संकेत दिये हैं।

 

क्रूज बनाने वाली फर्म मेसर्स राजकुमार राय के एमडी राजकुमार राय ने बताया कि क्रूज के इंटीरियर का काम पूरा हो चुका है। सभी तरह की टेस्टिंग रिपोर्ट आ चुकी है। गुरुवार एवं शुक्रवार को इंडियन रजिस्टर आफ शिपिंग के अधिकारियों ने डेढ़ से दो घंटा क्रूज का संचालन कर ट्रालय ले लिया है। फिलहाल, ट्रायल टीम संतुष्ट होकर शुक्रवार को वापस लौट गई। उम्मीद है कि इसी माह क्रूज का संचालन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों शुरू हो।

 

गोरखपुर को टूरिज्म के क्षेत्र में मिलेगी पहचान

वन एवं पर्यावरण के क्षेत्र में कार्यरत संस्था हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल ने कहा कि क्रूज के संचालन से इको टूरिज्म के क्षेत्र में गोरखपुर को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। उम्मीद है कि जल्द ही रामगढ़झील में संचालित किए जाने वाले फ्लोटिंग रेस्टोरेंट का काम भी पूरा होगा।

 

ये हैं आंकड़े

– 10.75 करोड़ की लागत से बना क्रूज

– 200 टन वजनी हैं क्रूज

– 150 पयर्टकों की क्षमता का है क्रूज

– 01.25 करोड़ रुपये खर्च पसेंजर वेटिंग प्लेटफार्म पर आया

– 03 फ्लोर का क्रूज अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा

– 11 नवंबर को 100 टन वजनी क्रूज पैसेंजर वेटिग प्लेटफार्म पानी में उतरा था

– 09 वैलून में हवा भर कर गोवा से आए विशेषज्ञों ने प्लेटफार्म को पानी में उतारा

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