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गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से कानपुर के कारोबारी की मौत मामले की सुनवाई 30 अक्टूबर को

नई दिल्ली (हि.स.)। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने गोरखपुर में कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की पुलिस की पिटाई से हुई मौत के मामले की सुनवाई टाल दी है। आज कोर्ट को सूचित किया गया कि हाई कोर्ट ने 4 अक्टूबर को इस मामले की कार्यवाही पर लगी रोक को आगे बढ़ा दिया है। उसके बाद कोर्ट ने सुनवाई 30 अक्टूबर तक टाल दी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने 1 फरवरी को इस मामले में ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के 22 दिसंबर, 2022 और 9 जनवरी, 2023 के दो आदेशों पर भी रोक लगाई थी। हाई कोर्ट ने इस बात पर गौर किया था कि ट्रायल कोर्ट ने इस मामले में छह पुलिसकर्मियों में से पांच के खिलाफ हत्या का आरोप तय नहीं किया।

राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 22 दिसंबर, 2022 को मृतक मनीष गुप्ता के परिवार वालों की उस अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने कोर्ट की मदद करने की अनुमति मांगी थी। 9 जनवरी को कोर्ट ने मामले के छह आरोपितों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 323 और 34 के तहत आरोप तय किए थे। ट्रायल कोर्ट ने हत्या की धारा 302 के तहत केवल थाना प्रभारी जगत नारायण सिंह के खिलाफ ही आरोप तय किया था।

कानपुर के रहने वाले कारोबारी मनीष गुप्ता 27 सितंबर, 2021 की सुबह आठ बजे गोरखपुर अपने दो दोस्तों हरवीर और प्रदीप के साथ घूमने गए थे। तीनों युवक गोरखपुर के रामगढ़ताल में एक होटल में ठहरे थे। 27 सितंबर, 2021 की रात ही छह पुलिसवाले आधी रात के बाद होटल में चेकिंग करने पहुंच गए थे। कमरे की तलाशी लेने पर मनीष ने आपत्ति जताई, तो पुलिसकर्मियों से उनका विवाद हो गया। इसके बाद पुलिस वालों ने उनकी पिटाई कर दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी। इस मामले में रामगढ़ताल थाने के तत्कालीन थानाध्यक्ष सहित छह पुलिसकर्मी गिरफ्तार किए गए थे।

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