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गोरखपुर में कुपोषण की रोकथाम के लिए शुरू किया गया संभव अभियान 2024 का शुभारम्भ

 

गोरखपुर (हि.स.)। कुपोषण की रोकथाम के लिए बुधवार से ‘सम्भव’ अभियान की शुरुआत की गई है। यह अभियान अगले तीन माह यानी 30 सितंबर तक चलेगा।जिलाधिकारी गोरखपुर और मुख्य विकास अधिकारी गोरखपुर के निर्देशन में जनपद में बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा आयोजित संभव अभियान का मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना,ज़िला विकास अधिकारी राजमणि वर्मा एवं ज़िला कार्यक्रम अधिकारी अभिनव मिश्रा ने दीप प्रज्वलित कर संभव अभियान का शुभारंभ किया।

मुख्य विकास अधिकारी ने संभव अभियान की रणनीति, लर्निंग लैब विकास की समीक्षा, मिशन खिलखिलाहट की चर्चा के साथ साथ ज़िला पोषण समिति की मासिक समीक्षा बैठक ली।जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव मिश्रा ने बताया कि बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा वर्ष 2021 से नवाचार के रूप में आयोजित सम्भव अभियान के अंतर्गत सीवियर एक्यूट मालन्यूट्रीशन सैम से ग्रसित बच्चों के चिन्हांकन,उपचार,सन्दर्भन एवं सामुदायिक स्तर पर उनके प्रबंधन के साथ-साथ कुपोषण की रोकथाम के लिए सामुदायिक व्यवहार में परिवर्तन लाने के प्रयास किए जा रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस अभियान में स्वास्थ्य विभाग एवं वाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के समन्वय से सैम बच्चों का स्वास्थ्य एवम् पोषण संवर्धन किया जाता है।विगत तीन वर्षों में सम्भव अभियान सफलता पूर्वक आयोजन हुआ है और उसके सकरात्मक परिणाम भी प्राप्त हुए है।वर्ष 2024 में भी सम्भव अभियान का चतुर्थ चरण (सैम भाव 4-0)जुलाई से सितम्बर 2024 के मध्य आयोजित किया जाएगा।

इस कार्यक्रम के दौरान सीडीओ द्वारा मिशन खिलखिलाहट के अन्तर्गत कुपोषण से मुक्त हुए बच्चों के अभिभावकों को सम्मानित भी किया गया।सभी ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को भी कुपोषित बच्चों के प्रबंधन के लिए निर्देशित किया गया।साथ ही स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से सभी कुपोषित बच्चों को ई कवच पोर्टल पर दर्ज करा उन्हें आवश्यक दवा उपलब्ध कराने के लिए कहा गया।इस दौरान जिला पोषण समिति की बैठक में मुख्य विकास अधिकारी द्वारा 112 आंगनबाड़ी केन्द्र भवन निर्माण प्रगति की समीक्षा एवं जनपद के 75 आंगनबाड़ी केन्द्र भवनों को 18 इण्डीकेटर्स मूलभूत अवस्थापना सुविधा से सुसज्जित लर्निंग लैब विकसित करने के लिए उपस्थित जिलास्तरीय एवं ब्लाक स्तर के अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए गये।जिला कार्यक्रम अधिकारी डॉ अभिनव मिश्रा ने बताया कि संभव अभियान के अन्तर्गत सैम बच्चों के समुदाय आधारित प्रबंधन तथा संभव अभियान के दौरान समुदाय आधारित प्रबंधन को सुदृढ़ बनाने।

गंभीर कुपोषित सैम बच्चों की पहचान,रेफरल और उपचार के लिए समुदाय आधारित कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाएगा।इस अभियान के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं की क्षमता को बढ़ाना,दवाओं की आपूर्ति श्रृंखलाओं को सुनिश्चित करना और प्रगति एवं परिणामों को ट्रैक करने के लिए मजबूत निगरानी जैसे की जिला पोषण समिति और जिला स्वास्थ्य समिति की बैठकों में और रिपोर्टिंग प्रणालियों की स्थापना शामिल है।

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