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गोरखपुर : जहां था कचरे का पहाड़, वहां लगा रहे 5000 पौधे

गोरखपुर  (हि.स.)। महानगरवासियों के घरों से निकलने वाले कचरे से एकला बांध पर बना पहाड़ का नगर निगम ने फ्रेस वेस्ट बायो कल्चर ट्रामल प्लांट लगा निस्तारण कर दिया। अब उसी कचरे वाले स्थान पर तकरीबन राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम मद के 40 लाख रुपये से ‘सघन पौधरोपण’ किया जा रहा है। बुधवार तक विभिन्न प्रजाति के 800 से अधिक पौधे लगाए जा चुके थे। इसके साथ ही पौधों को सुरक्षित रखने के लिए बार्डबंदी का काम भी शुरू हो चुका है।

राप्ती नदी के किनारे बुधवार को हरियाली तीज के अवसर पर हेरिटेज फाउंडेशन की संरक्षिका डॉ अनिता अग्रवाल ने एकला बांध पर पौधरोपण कर श्रमदान किया। बल्कि कचरे के पहाड़ का निस्तारण करा उस स्थान पर पौधरोपण कराने को अनुकरणीय बताया। अपील किया कि महानगर की विभिन्न संस्थाओं को जिन्हें पौधे लगाने के लिए उचित स्थान नहीं मिलता, यहां अपने हाथों से लोगों को पौधरोपण के लिए प्रेरित करना चाहिए। उनके साथ गाली बंद फाउंडेशन के संयोजक मनीष चौबे, वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर अनिल तिवारी, पशु कल्याण कार्यकर्ता शिवेंद्र यादव समेत अन्य ने भी पौधरोपण किया।

लगाए जा रहे इन प्रजातियों के पौधे

नगर निगम ने पौधरोपण एवं पौधों के संर miक्षण काम वाराणसी की फर्म डीके एसोसिएट्स का दे रखा है। मौके पर काम करा रहे ध्रुवचंद ने बताया कि 15 प्रजातियों के पौधे लगाए जा रहे हैं। इन पौधों में अर्जुन, कन्जी, नीम, क्रोशिया, बरगद, पीपल, पाकड़, बकैन, गुलमोहर, कचनार, सफेद चम्पा, कदम, मौलश्री, कोनोकार्पस और जकरंडा शामिल है। सभी पौधों की लम्बाई 10 से 12 फीट है।

10 लाख रुपये से वार्डबंदी का काम शुरू

राप्ती नदी के किनारे लगाए जा रहे इन पौधों की निराश्रित वन्यजीव से सुरक्षित रखने के लिए तकरीबन राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम मद से 10 लाख रुपये की लागत से बाड़बंदी भी जा रही है। बाड़बंदी के लिए पिलर बनाने का काम शुरू हो चुका है। नगर निगम के मुख्य अभियंता संजय चौहान ने बताया कि प्रथम चरण में 2500 पौधे और दूसरे चरण में 2500 पौधे लगाए जाएंगे। पूरे परिसर की बाड़बंदी की जाएगी।

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