लखनऊ, (हि.स.)। जनपद बाराबंकी के प्रसिद्ध देवा मंदिर के निकट स्थित भगहर झील को ईको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए 4.38 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं। प्रारम्भिक चरण में झील के विकास के लिए 01 करोड़ रुपये की धनराशि जारी करा दी गयी है। झील का विकास हो जाने से यहां पर पर्यटकों का आना-जाना शुरू होगा और व्यावसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे स्थानीय लोगों को आमदनी बढ़ेगी।
प्रदेश के पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने सोमवार को यहां बताया कि महादेवा मंदिर में न केवल बाराबंकी बल्कि लखनऊ समेत अन्य जिलों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। यहां से कुछ दूरी पर ही 84 हेक्टेयर में फैली भगहर झील है। पर्यटन विभाग अब इस झील को ईको पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। यहां पहले से ही हरियाली है, इसके आसपास पाथवे बनाया जाएगा। इतना ही नहीं झील के भीतर और किनारे पर वॉक-वे बनाया जाएगा। वॉक-वे बनने के बाद यह बेहद आकर्षक हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि वहां बच्चों के लिए खेल स्थल बनेगा। इस स्थान पर झूले भी लगाए जाएंगे। पर्यटक आएंगे तो उनके लिए खाने-पीने की भी जरूरत होगी, तो इसको देखते हुए पर्यटन विभाग कैंटीन भी बनाएगा। यहां प्रवासी पक्षी भी खूब आते हैं, इसलिए मिट्टी का टिला भी बनाया जाएगा।
जयवीर सिंह ने बताया कि भगहर झील, महादेवा मंदिर के किनारे है। यहां बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। इसलिए पहले से ही काफी पर्यटक सुविधाएं हैं। झील के किनारे सीढ़ियां बनी हैं, इंटरप्रेटेशन सेंटर, गजिबो, वाॅच टावर समेत अन्य सुविधाएं हैं। ईको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने के बाद पर्यटकों की संख्या में काफी बढ़ोतरी होगी। ईको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने के बाद भगहर झील के भ्रमण करने वालों की संख्या में वृद्धि होगी।