–जेल में बंद पूर्व सांसद की खतौनी लगा कपिल मुनि ने बेचे 5,28,720 रुपये का धान
कौशाम्बी, (हि.स.)। जनपद में धान खरीद के नाम पर खरीद एजेंसी उतर प्रदेश को आपरेटिव यूनियन की धान खरीद में बड़ा फर्जी किये जाने का मामला सामने आया है। टेवा कस्बे के कपिल मुनि नाम के व्यक्ति का आधार कार्ड व पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया की खतौनी लगाकर एजेंसी में 240 कुंतल धान की खरीद कराई गई। खरीद की रकम करीब 5,28,720 रुपये अज्ञात खाते में डाल बन्दर बाट कर ली गई। मामला सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने एसडीएम मंझनपुर व डिप्टी आरएमओ को जांच कर कार्यवाही के लिए नामित किया है।
जनपद में धान खरीद की शुरुआत नवम्बर माह से हो रही है। विभाग का दावा है कि किसान के खाते में धान खरीद की रकम भी निर्धारित समय पर आरटीजीएस के माध्यम से भेजी जा रही है। खरीद में पारदर्शिता के लिए तहसील प्रशासन के अधिकारी व लेखपाल का सत्यापन बेहद अनिवार्य है। जिसके बाद ही किसान खरीद केंद्र पर अपना धान बेच सकता है। आकड़ों में यूपीसीयू के 8, यूपीएसएस के 12, आरएफसी के 14, मंडी के 1, एफसीआई के 1 खरीद केंद्र धान खरीद के लिए अधिकृत है।
बावजूद इसके बिचौलियों ने सरकारी सिस्टम को पंगु कर खेल करने से बाज नहीं आये। जनपद में खरीद के अधिकृत एजेंसी यूपीसीयू से मिलकर भद्दुरपुर गाव के खरीद केंद्र में कपिलमुनि पुत्र छोटे लाल निवासी 622 टेवा गा-व के व्यक्ति ने पूर्व सांसद कपिलमुनि करवरिया की खतौनी लगाकर अलग-अलग दिनों में 240 कुंतल धान बेच दिया। मामले का खुलासा एक सामाजिक कार्यकर्ता ने दस्तावेज अफसरों को देकर जांच की मांग की। जिसके बाद प्रकरण सुर्खियों में आया। प्रकरण की जांच के लिए डीएम सुजीत कुमार से 2 सदस्यीय टीम गठित की। जांच के दौरान अफसरों को टेवा गांव में जिस कपिलमुनि नाम के व्यक्ति के आधार का दस्तावेज लगाया गया वह नहीं मिला। बल्कि उससे मिलते जुलते नाम के 2 व्यक्ति मिले। लेकिन उनकी वल्दियत (पिता का नाम) अलग-अलग पाया गया। धान खरीद केंद्र में प्रभारी नदारत दिखे, मोबाइल बंद होने के चलते संपर्क नहीं हो सका।
डिप्टी आरएमओआशीष कुमार ने बताया, प्रकरण बेहद गम्भीर है। जांच शुरू की गई है। पूरे मामले का खुलासा किया जायेगा। जो भी व्यक्ति इसमें दोषी मिला उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही कराई जाएगी।पूर्व सांसद की पत्नी नीलम करवरिया ने बताया, उन्हें धान खरीद के किसी प्रकरण की कोई जानकारी नहीं है। रही बात खतौनी के दस्तावेज की वह आनलाइन है। कोई भी आसानी से निकाल सकता है। इस विषय में सम्बंधित अधिकारी बेहतर जानकारी दे सकेगें।