वॉशिंगटन (ईएमएस) । कोरोना के वेरिएंट ओमिक्रॉन के बाद एक नए वेरिएंट ने वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है। कोविड का यह नया वेरियंट अमेरिका, ब्रिटेन में मामलों में वृद्धि का कारण बन रहा है। यह ओमिक्रॉन की तरह, बीए.2.86 वैरिएंट है। शोधकर्ता इसके प्रभाव को जानने की कोशिश कर रहे हैं और उनमें से कई ओमिक्रॉन वेरिएंट से जुड़ी समानता पा रहे हैं।
बीए.2.86 वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में कई बदलाव होते हैं। यह वायरस का प्रमुख क्षेत्र है जो इंसान के इम्यून सिस्टम पर अटैक करता है। जानकारी के अनुसार, कई वैज्ञानिकों का मानना है कि बड़े पैमाने पर वैक्सीन रोल-आउट के कारण यह तेजी से नहीं फैलेगा यानी यह ओमीक्रॉन लहर की तरह नहीं होगा। वैज्ञानिकों ने पाया कि बीए2.86 वैरिएंट का वंश ओमीक्रॉन सबवेरिएंट बीए.2 से जुड़ा हुआ है। कोविड-19 से जूझ रहे मरीजों में बड़े स्पाइक म्यूटेशन थे, और ऐसा ही बीए.2.86 में पाया गया है।
अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता ने बताया कि बीए.2.86 सार्स-कोव-2 (कोविड19) वायरस के बार-बार उत्परिवर्तित वेरिएंट से काफी अलग है, इसलिए इसपर ध्यान देने की अधिक जरुरत है। वायरोलॉजिस्ट जेसी ब्लूम का कहना है कि जिन लोगों ने बूस्टर टीकों या पहले के कोविड संक्रमण के माध्यम से एंटीबॉडी विकसित की है, वे अभी भी नए संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं, यानी यहां पहले लगवाई गई वैक्सीन बेअसर साबित होने वाली है।21 अगस्त तक इजराइल, यूनाइटेड किंगडम, डेनमार्क और संयुक्त राज्य अमेरिका में कोविड संक्रमण के 6 मामले सामने आए हैं।
वायरोलॉजिस्ट ने कहा, “मुझे नहीं लगता कि किसी को इससे चिंतित होने की जरूरत है।” मेरा मानना है कि बीए.2.86 के अगली लहर पैदा करने की संभावना ‘बेहद कम’ है, तो वहीं कुछ वैज्ञानिक इस वेरिएंट को लेकर अब भी चिंतित हैं। वैज्ञानिकों को डर है कि ये सभी मामले आपस में जुड़े हुए नहीं हैं – जिसका मतलब है कि मरीज़ इन देशों के बीच यात्रा न करने के बावजूद संक्रमित हो गए, जो बताता है कि प्रभावित देशों में काफी हद तक सामुदायिक ट्रांसमिशन पहले ही हो चुका है।ब्लूम ने कहा कि दुनिया भर के लोगों को इसके अस्तित्व के बारे में समझ आने से पहले ही यह नया वेरिएंट खत्म हो सकता है।