जिलाधिकारी ने हॉस्टल संचालकों व कोचिंग प्रबंधकों के साथ की बैठक
सभी छात्रों का आकलन कर सप्ताहभर में रिपोर्ट दें कोचिंग संस्थान: डीएम
कोटा (हि.स.)। शिक्षा नगरी कोटा में पिछले तीन दिन में दो कोचिंग विद्यार्थियों ने आत्महत्या कर ली। इस वर्ष कोचिंग के लिए शहर में आए 29 विद्यार्थी आत्महत्या कर चुके हैं। विद्यार्थियों की आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं से जिला प्रशासन सहित आम नागरिक चिंतित है।
गुरुवार को महावीर नगर प्रथम के एक हॉस्टल में रहने वाली उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के नगला जोधा गांव की 22 वर्षीय छात्रा निशा यादव ने आत्महत्या कर ली। वह एक कोचिंग संस्थान से नीट की तैयारी कर रही थी। इससे तीन दिन पहले पश्चिम बंगाल के एक कोचिंग छात्र ने आत्महत्या कर ली थी।
जवाहर नगर थाने के हेड कांस्टेबल रणजीत सिंह ने बताया कि छात्रा निशा देर रात तक जागकर पढ़ाई करती थी। जब उसने बुधवार शाम को परिजनों का फोन नहीं उठाया तो उन्होंने हॉस्टल संचालक को सूचित किया। संचालक ने उसके कमरे का दरवाजा खटखटाया। दरवाजा न खोलने पर संचालक ने रात पौने दो बजे पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर दरवाजा तोडा तो छात्रा आत्महत्या की स्थिति में मिली। इस घटना की सूचना मिलते ही उसका परिवार बिलखते हुये गुरुवार सुबह कोटा पहुंच गया। पिता औसान सिंह ने बताया कि निशा को पिछले वर्ष नीट में 405 अंक मिले थे, उसने कोटा से कोचिंग लेने की जिद की थी। टेस्ट में अच्छे अंक मिल रहे थे। उसके कमरे से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
जिला प्रशासन ने सुसाइड को गंभीरता से लिया –
कोचिंग संस्थानों में अध्ययनरत् एवं हॉस्टल में रहने वाले विद्यार्थियों के आत्महत्या करने का सिलसिला न थमने पर प्रशासन चिंतित है। गुरुवार को जिला कलक्टर एमपी मीना की अध्यक्षता में प्रशासनिक अधिकारियों एवं कोचिंग संस्थानों के प्रतिनिधियों, हॉस्टल संचालकों की बैठक हुई। जिसमें विद्यार्थियों के आत्महत्याओं की घटनाओं को रोकने पर विस्तार से चर्चा की गई। जिला कलक्टर मीना ने सभी कोचिंग एवं हॉस्टल संचालकों को निर्देश दिये कि कोचिंग एवं हॉस्टल के लिए गाइडलाइन का शत प्रतिशत अनुपालना की जाये। उन्होंने कोचिंग संस्थानों को निर्देश दिये कि सात दिन में सभी छात्रों का व्यक्तिगत आकलन करें एवं उसके आधार पर एक तैयार रिपोर्ट की कार्य योजना प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक हॉस्टल में पंखों पर हैंगिंग डिवाइस होना अनिवार्य है, ऐसा नहीं होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिला कलक्टर ने नोडल अधिकारियों को 10-10 हॉस्टल में जाकर कर छात्रों से बात कर तथ्यात्मक रिपोर्ट देने के निर्देश दिये। पुलिस अधीक्षक शहर शरद चौधरी ने कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टल संचालकों को निर्देश दिए कि कोचिंग एवं हॉस्टल का संचालन गाइडलाइन के अनुसार करें एवं जो आदेश छात्रों की सुरक्षा के लिए दिए जाते हैं उसकी शत प्रतिशत पालना करें अन्यथा इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं।