समय के साथ कलयुग का असली चेहरा धीरे धीरे देखने को मिल रहा है… भाई-भाई का दुश्मन बनता जा रहा है तो वहीं हर इंसान के अंदर से इंसानियत मरती जा रही है… इसी श्रापित युग में कलयुग का राक्षस आएगा… लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि वो आखिर दिखता कैसा होगा…
आपको बता दें कि कलयुग में त्रेतायुग और द्वापर युग से भी ज्यादा खतरनाक और दरिंदा राक्षस अपने प्रकोप से लोगों के दिलों दिमाग में अपना डर भर देगा। कल्कि पुराण में वेदव्यास जी ने बताया है कि यह राक्षस कैसा दिखेगा।
बता दें, कलयुग का राक्षस तेल मिले काजल की तरह काला होगा। उसको देखने मात्र से लोगों के अंदर खोफ पैदा हो जाएगा। कलि अपने बाएं हाथ में तलवार धारण करके रखेगा। उसी से वो मानव जाति पर अत्याचार करेगा और वो सब काम करवाएगा जो वो चाहता होगा।
कल्कि पुराण में लिखा है कि इस युग के मायावी राक्षस का पेट कौवे की तरह मोटा होगा। वो सिर्फ मानवों का मांस खाएगा और अपनी मायावी शक्तियों का प्रदर्शन करेगा।
विक्रराल रूपी कलि पुरुष का आकार बहुत बड़ा होगा। उसके सामने इंसान छोटे किड़ों की तरह नजर आएंगे। इतनी ही नहीं उसकी जीभ भी बहुत लंबी होगी।
बता दें, उसके पास से बहुत गंदी बदबू भी आया करेगी। वो बदबू इतनी गंदी होगी की दूर कोस तक उसकी सुगंध पहुंच जाया करेगी।
कलयुग के राक्षस की पत्नी के बारे में भी कल्कि पुराण में बताया गया है। कलि पुरुष की पत्नी का नाम ध्रक्ति होगा। वो भी अपने पति की तरह ही डरावनी होगी। उसकी आंखें काली बिल्ली की तरह होंगी जिनको देख लेने मात्र से कोई भी वषिभूत हो जाएगा।
बढ़ते समय के साथ कलि पुरुष के आने का समय भी पास आता जा रहा है। कलि पुरुष भगवान के सभी भक्तों के दिमाग से खेलकर उनको बुराईयों की ओर ढकेल देगा। उनसे वो सभी काम करवाएगा जो वो कभी न करते। उसके पास इतनी शक्तियां होंगी कि वो सभी इंसानों को अपनी सेना में शामिल कर लेगा।
कलि पुरुष समय के साथ अपना भौतिक स्वरूप भी ले लेगा जिससे यह और शक्तिशाली हो जाएगा। कलि पुरुष को शक्ति मिलने का जरिया कुछ और नहीं बल्कि सिर्फ अधर्म ही है और वही उसे इस युग में मिलता है। जिसके चलते उसकी शक्तियां बढ़ते समय के साथ दोगुनी होती जाएगी।
कलि पुरुष इंसानों को भी वो शक्तियां देगा जिनकी उनको जरूरत होगी। इंसानों की बढ़ती शक्तियों से कलिपुरुष भी और ताकतवर होता जाएगा। धीरे-धीरे इंसानों की शक्ति देवताओं से भी ज्यादा हो जाएगी।
इन्हीं शक्तियों के लालच में लोग राक्षस की ओर खिंचे आएंगे और एक समय ऐसा आएगा जब कोई इंसान भगवान की पूजा नहीं करेंगा। कलिपुरुष पूरी धरती से धर्म का नाश कर देगा और सभी लोग उसी को अपना भगवान मानने लगेंगे। वो जैसा कहेगा वही कलयुग के लोग किया करेंगे।
कली पुरुष अभी भौतिक रूप नहीं आया है लेकिन वो अपनी शक्तियों से इंसान पर काबू पा सकता है और कलयुग के अंत में वो भौतिक रूप में भी आ जायेगा , तब वो पताल लोक से आसुरी शक्ति को आज़ाद करके इंसानो पे राज करेगा।
महाभारत में भी कलयुग के अंत में होने वाले प्रलय का वर्णन किया गया है। महाभारत के अनुसार जैसे-जैसे घोर कलयुग आता जाएगा वैसे वैसे धर्म, सत्य, पवित्रता, क्षमा, दया, आयु, बल और याद रखने की शक्ति में कमी आती जाएगी।
प्रलय यहीं पर ही नहीं रूकेगा….. महाभारत में बताया गया है कि जब घोर कलयुग आएगा तब कभी बारिश नहीं होगी। सूर्य का तेज इतना बढ़ जाएगा कि सातों समुद्र और नदियां सूख जाएंगी। मौसम में ऐसे बदलाव आएगा जिसे समझपाना मुश्किल हो जाएगा… कभी कड़ाके की सर्दी पड़ेगी… तो कभी पाला पड़ेगा… कभी आंधी चलेगी कभी गर्मी पड़ेगी तो कभी बाढ़ आ जाएगी। गर्मी इतनी बढ़ जायेगी की पताल लोक तक सब भस्म हो जायेगा।
जब जब धरती पर पाप बढ़ा है तब तब भगवान विष्णु ने अवतार लिया है। कलयुग में भी बढ़ते पाप को देखते हुए भगवान विष्णु का कल्कि अवतार होगा जो 64 गुणों से लिप्त होगा।
भगवान कल्कि अब तक के सबसे शक्तिशाली राक्षस कली पुरुष से लड़ेंगे और इंसानों को उसके प्रभाव से मुक्त करेंगे। लेकिन इस युद्ध में कली पुरुष के तरफ से भी इंसान लड़ेंगे क्योंकि तबतक धर्म पूरी तरह नष्ट हो जाएगा इंसान भगवान को पहचान नहीं पाएंगें लेकिन अंत में सब ठीक हो जाएगा।
बता दें, समुद्र मंथन के दौरान उससे विष निकला जिसे भगवान शिव ने पी लिया।तभी उसकी कुछ बूंदे नीचे गिर गईं जिससे कलयुग के राक्षस कलिपुरुष का जन्म हुआ। उस समय उसके पास शक्तियां नहीं थी उसलिए वो भाग गया था। लेकिन अब कहा जाता है कि समय के साथ इस राक्षस ज्यादा से ज्यादा शक्तिशाली होता जा रहा है।
भविष्य पुराण में बताया गया है कि एक बार ब्रह्मा जी ने नारद जी से कहा कि हे नारद भयंकर कलयुग के आने पर मनुष्य का आचरण दुष्ट हो जाएगा और योगी भी दुष्ट चित्त वाले होंगे। संसार में परस्पर विरोध फैल जाएगा और विशेषकर राजाओं में चरित्रहीनता आ जाएगी। देश-देश और गांव-गांव में कष्ट बढ़ जाएंगे। देवता होने की अवस्था भी नष्ट हो जाएगा और उनका आशीर्वाद भी नहीं रहेगा। जिसका मतलब है कि मनुष्यों की बुद्धि धर्म से विपरीत चलने लगेगी।
जब कलयुग में सारे पापियों का सर्वनाश हो जाएगा… उसके बाद नया युग यानि सतयुग आएगा तब कलयुग के असर को पूरी तरह से खत्म करने के लिए लगातार इस धरती पर 12 सालों तक मूसलाधार बारिश होगी जिससे पूरी धरती जलमग्न हो जाएगी तब फिर एक साथ 12 सूर्य उदय होंगे और जल मग्न हुई पृथ्वी का जल सोख लेगी तब जाकर इस संसार में फिर से जीवन-यापन संभव होगा।