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किराए के मकान में चल रहे फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का एसटीएफ ने किया भंडाफोड़

ई-मेल ब्लास्टिंग कराकर विदेशी कॉल को रिमोट पर लेकर करते थे ठगी

तीस लाख का लोंगों से किया गया धोखाधड़ी का देशी विदेशी डाटा समेत कई सामान बरामद

 

लखनऊ। स्पेशल टास्क फोर्स(एसटीएफ) ने कार्रवाई करते हुए एक ऐसे संगठित गिरोह का पर्दाफाश किया जिनके द्वारा में ई-मेल ब्लास्टिंग कराकर कॉल को दूसरे ऐप पर डायवर्ट कर कई साइड का सब्सक्रिप्शन दिलाने के नाम पर उनके कंप्यूटर लैपटॉप को रिमोट पर लेकर ठगी को अंजाम देने वाले गिरोह के 9 लोगों को दबोचकर उनके पास से भारी मात्रा में इलेक्ट्रॉनिक उपकरण समेत अन्य सामान बरामद करने में बड़ी सफलता हासिल की। बताते चले कि एसटीएफ को कई दिनों से जानकारी मिल रही थी। कि वीओआईपी कॉलिंग के जरिए अमेरिका, कनाडा, शिकागो, कैलीफोर्निया, लेबनान, हांगकांग, ब्रिटेन जैसे कई देशों से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह सक्रिय है।

जिसके बाद से अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अमित कुमार नागर की देखरेख में टीम लगातार जानकारियां जुटा रही थी। मंगलवार को निरीक्षक दिलीप तिवारी के नेतृत्व में टीम को सूचना मिली कि राजधानी लखनऊ के थाना इंदिरा नगर में किराए के मकान में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर संचालित हो रहा है। जिसके मौके पर पहुंची टीम ने छापा मारकर कतुल्यान मतीन खान निवासी कोलकाता, खालिद रजा निवासी कोलकाता, दीपक जायसवाल निवासी जौनपुर, बख्तियार अली निवासी कोलकाता, शोएब निवासी कोलकाता, मुदस्सिर निवासी कोलकाता, जीशान निवासी बंगाल, अर्पित मौर्या निवासी अयोध्या, विशाल मीना निवासी राजस्थान को दबोच लिया।

जिनके पास से पेनड्राइव जिसमें करीब तीस लाख का धोखाधड़ी का डाटा 22, मोबाइल फोन, 3 लैपटॉप,2 इंटरनेशनल राउटर, आधार, पहचान पत्र,7 एटीएम कार्ड,कार, मोटरसाइकिल, समेत ब्रेसलेट सफेद धातु, गले की चेन पीली धातु, और अंगूठी बरामद कर ली। पूछताछ में गिरोह के सरगना विशाल मीना उर्फ मंजीत ने कबूला की वो साथी जीशान के साथ फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर को संचालित कर रहा था। जिसमें अन्य पकड़े गए साथी शामिल है। जो इंटरनेशनल कॉल को उठाया जाता जब बातचीत शुरू हो जाती तो अमेरिका के लोगों की मेल आईडी को ब्लास्ट करके उसे अपने मोबाइल पर ट्रांसफर कर हर कॉल के 200 से 220 रुपए के हिसाब से पैसे कमाते थे। जिसके लिए हम लोंग कई वेबसाइट और ऐप का इस्तेमाल करते है। जिसके बाद ई-ब्लास्टिंग करके उसमें मौजूद नम्बरों पर डायवर्ट कर उसे वीओआईपी ऐप में जोड़कर विदेशी कस्टमरों को उनके माइक्रोसॉफ्ट, विंडों, पेपॉल, और एंटीवायरस का सब्सक्रिप्शन रिन्यू कराने के नाम पर उन्हें अन्य किसी से न कराने को कहकर कॉल सीनियर को ट्रांसफर कर विदेशी नागरिकों से ठगी को अंजाम देते थे। पकड़े गए ठगों के खिलाफ मामला दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।

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