बलिया (हि.स.)। जिला मुख्यालय से महज आठ किलोमीटर दूर स्थित बसंतपुर निवासी दुष्यंत कुमार सिंह खेती से हर साल लगभग 20 से 25 लाख का मुनाफा कमा रहे हैं। युवा किसान दुष्यंत विशेषज्ञों से सलाह लेकर प्राकृतिक खेती करते हैं। इस बार 60 बीघे में उनकी काला नमक धान की फसल लहलहा रही है। दुष्यंत इसके पहले भी काला नमक धान की फसल उगाते रहे हैं। जिन्होंने बीटेक करने के बाद एक निजी कंपनी में नौकरी तो ज्वाइन की, लेकिन काम से संतुष्ट न होने के कारण गांव का रुख किया और किसान बन गए। गांव पर रह कर अब वे खेती को नया आयाम देने में लगे हैं।
ग्रेजुएशन करने के बाद कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की नौकरी छोड़कर युवा किसान दुष्यंत सिंह अब हर किसी के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं। ये अपने कृषि कार्य में बाकायदा विशेषज्ञों से सलाह भी लेते हैं। जिसके दम पर धान से लेकर सब्जी तक की खेती कर लाखों की कमाई कर रहे हैं। युवा किसान दुष्यंत कुमार सिंह ने बताया कि मैं सालाना लगभग 20 से 25 लाख मुनाफा अर्जित कर लेता हूं। एक्सपर्ट की राय से ही खेती करता हूं। आज मैं अपने कार्य और प्रगति से संतुष्ट हूं। सलाह दिया कि हर कोई अपनी खेती को विशेषज्ञों की राय से करे तो कृषि क्षेत्र को नया आयाम दिया जा सकता है।
दुष्यंत कुमार सिंह ने आगे बताया कि मैंने कंप्यूटर साइंस से बीटेक किया है। 2018 से ऑर्गेनिक खेती कर रहा हूं। इसके पहले बेंगलुरु में एक कम्पनी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग पर काम करता था। बेंगलुरु में ही सुभाष पालेकर सर से मेरी मुलाकात हुई। उनसे हुई मुलाकात के बाद मैं किसानी की तरफ खिंचा चला आया और किसान बन गया।
बता दें कि सुभाष पालेकर ऑर्गेनिक खेती के जनक माने जाते हैं। कहा कि मैं खेती में किसी प्रकार की बाजरू खाद का प्रयोग नहीं करता हूं। इसके लिए गायें पाली हैं। दुष्यंत ने बताया कि इस बार काला नमक प्रजाति की धान की फसल लगाई है। रोपाई से कटाई तक इसमें दस हजार बीघे खर्च आने का अनुमान है। उन्होंने कहा कि जिले के युवाओं को खेती की ओर रुख करना चाहिए। इसे व्यावसायिक तरीके से करें तो मुनाफा निश्चित है।