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कानून की नाकेबंदी…`मनहूस` जमीन से सियासी किला जमींदोज : यही है वह प्लॉट, जिस पर इरफान की नीयत खराब थी

– प्लॉट के लिए आगजनी बनी इरफान की मुसीबत

– गिरफ्तारी से बचने को बड़ी गलती कर बैठे सोलंकी

– फर्जी आधार कार्ड और कानपुर हिंसा ने जेल पहुंचाया

कानपुर। जाजमऊ का गल्ला गोदाम इलाका। यहां इरफान सोलंकी के पुराने आशियाने के ठीक बगल में एक प्लॉट पर कब्जे का विवाद से ऐसा बवंडर उठा कि अकूत जायदाद के मालिक सपा विधायक लगभग डेढ़ साल से जेल में बंद हैं। जांच शुरू हुई तो एक के बाद एक कारनामे उजागर हुए, हिस्ट्रीशीटरों के साथ कारोबारी साझेदारियां सामने आईं। नतीजतन, गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय के छापे तक बात पहुंच गई। इरफान की विधानसभा सदस्यता पर भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। कालेधन और बेनामी संपत्तियों की पुष्टि हुई तो इरफान का सियासी करियर बर्बाद होना तय है। कुल मिलाकर चार सौ गज जमीन का एक टुकड़ा इरफान सोलंकी के लिए मनहूस साबित हुआ।

तीन करोड़ की जमीन पर नीयत खराब

इरफान सोलंकी की टेनरी है। खुद तीन बार से लगातार विधायक हैं। पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी भी तीन मर्तबा विधायक रह चुके थे। शहर के कुछ हिस्ट्रीशीटरों और अपराधी प्रवृत्ति के बिल्डरों के साथ गठजोड़ करने के बाद इरफान से अकूत संपत्ति बनाई, लेकिन उनकी नीयत अपने पुराने घर के बगल वाले प्लॉट पर खराब थी। उन्होंने मुफलिस महिला नजीर फातिमा को डरा-धमका कर औने-पौने में खरीदना चाहा, लेकिन नजीर ने इंकार कर दिया तो एक दिन उसकी गैरमौजूदगी में इरफान और उसके भाई रिजवान ने अपने गुर्गों के साथ मिलकर नजीर की झोपड़ी को फूंक दिया। इसी के साथ इरफान के बुरे दिन शुरू हो गए। पुलिस ने रपट लिखकर गिरफ्तार करना चाहा तो इरफान भूमिगत हो गए। फिर बड़ी गलती कर बैठे। फर्जी आधार कार्ड बनवाकर दूसरे के नाम से हवाईयात्रा करते हुए मुंबई पहुंच गए।

मनहूस साबित हुआ प्लॉट और वर्ष 2022

इरफान के लिए वर्ष 2022 और नजीर फातिमा का प्लॉट मनहूस साबित हुआ। मौजूदा वक्त में नजीर के प्लॉट की जितनी कीमत है, उससे कई गुना ज्यादा रकम इरफान और उसका भाई रिजवान अपने को बचाने में खर्च कर चुका है। इसके साथ ही इसी प्लॉट के विवाद में उसके तमाम काले कारनामे भी सामने आने लगे। इरफान और रिजवान के मामलों की जांच हुई तो हिस्ट्रीशीटरों और अपराधियों के साथ कनेक्शन भी सामने आया। शौकत अली और हाजी वसी ऐसे ही नाम हैं, जोकि विभिन्न संगीन मामलों के चलते पुलिस के रडार पर थे। जांच आगे बढ़ी तो वर्ष 2022 में ही सामने आया कि कानपुर हिंसा के दोषी हाजी वसी की कंपनी में इरफान की पत्नी नसीम सोलंकी भी डायरेक्टर हैं।

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