कानपुर, (हि.स.)। पुलिस कमिश्नर के स्टॉफ आफिसर के आदेश पर नाबालिग दुष्कर्म पीड़िता की रावतपुर थाना में एफआईआर तो लिख गई, लेकिन कार्रवाई ठंडे बस्ते में पड़ गई। पीड़िता का आरोप है कि एफआईआर के 10 दिन हो गये और पुलिस जांच की बात कहकर मामले को टरका रही है। यह भी आरोप है कि आरोपी को बचाने के लिए पुलिस इस तरह का रवैया कर रही है।
ग्वालटोली थानाक्षेत्र निवासी केशकली ने शुक्रवार को बताया कि नाबालिग पोती रेशमा (दोनों काल्पनिक नाम) आर्यनगर स्थित एक बड़े कपड़ा शोरूम में कार्य करती थी। वहीं पर रानी घाट निवासी सत्यम बाजपेई भी काम कर रहा था। सत्यम ने नाबालिग पोती को बहला फुसलाकर एक सितंबर को रावतपुर स्थित एसजी गार्डन में ले जाकर कोल्ड ड्रिंक के साथ नशीला पदार्थ पिलाकर दुष्कर्म किया और अश्लील वीडियो बना लिया। अश्लील वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर कई बार अलग-अलग जगहों पर लेकर उसके साथ दुष्कर्म किया। 22 दिसम्बर को पुन: रावतपुर स्थित एसजी गार्डन ले गया, जहां नाबालिग ने जब उसका विरोध किया तो उसने मारापीटा और वीडियो वायरल करने की धमकी देकर दस हजार रुपयों की मांग कर दी। इस पर पीड़िता घर पहुंचकर आपबीती परिजनों को बताई। महिला पीड़िता को लेकर कल्याणपुर, रावतपुर और ग्वालटोली थाना के चक्कर लगाई रही लेकिन एफआईआर नहीं हो सकी।
स्टॉफ ऑफीसर के आदेश पर दर्ज हुई एफआईआर
थानों के लगातार चक्कर काटने पर भी कोई सुनवाई न होने पर पीड़िता मंगलवार को मां संग पुलिस कमिश्नर कार्यालय पहुंची। वहां मौजूद स्टाफ ऑफीसर अशोक कुमार सिंह ने रावतपुर थाना प्रभारी को एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई के आदेश दिए। जिसके बाद देर शाम पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर ली, लेकिन कार्रवाई के नाम पर 10 दिन बाद भी कुछ नहीं हो सका। थाना प्रभारी नीरज ओझा ने शुक्रवार को बताया मामला कई दिन पुराना है और साक्ष्य को लेकर जांच की जा रही है।