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कानपुर देहात में बनेंगी अटल टिकरिंग लैब, सरकारी स्कूल के बच्चों को मिलेगा शैक्षिक लाभ

कानपुर देहात  (हि.स.)। साइंस व प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देने के मकसद से अटल टिंकरिंग लैब योजना के तहत जिले के 12 स्कूलों में लैब स्थापित करने के लिए बीएसए रिद्धी पाण्डेय ने संस्तुति दे दी है। अटल टिंकरिंग लैब की स्थापना पीएसयू (भारत सरकार द्वारा नियंत्रित और संचालित उद्यमों और उपक्रमों को सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम) के सौजन्य से सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी) के अंतर्गत सरकारी माध्यमिक विद्यालयों अथवा ब्लॉक संसाधन केन्द्रों पर यूनिसेफ के द्वारा स्थापित की जानी है। जिसके अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों के साथ-साथ आस-पास के राजकीय इण्टर कॉलेज के छात्रों एवं अध्यापकों को भी लाभान्वित किया जा सके। इन लैब को 12-12 लाख रुपये की लागत से इन लैब को मशीनरी सहित स्थापित किया जायेगा।

 

कहां बनेगी लैब

 

अकबरपुर विकासखंड के बीआरसी अकबरपुर, कम्पोजिट विद्यालय बारा, कम्पोजिट विद्यालय लहरापुर, कम्पोजिट विद्यालय रूरा, सरवनखेड़ा विकासखंड के बीआरसी सरवनखेड़ा, कम्पोजिट विद्यालय स्योंदा, कम्पोजिट विद्यालय विसायकपुर, मैथा विकासखंड के कम्पोजिट विद्यालय अलियापुर, बीआरसी मैथा, कम्पोजिट विद्यालय अनूपपुर असई, उ०प्रा०वि० सरैया लालपुर एवं अमरौधा विकासखंड के कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय गौर में अटल टिंकरिंग लैब बनेंगी।

 

क्या है अटल टिंकरिंग लैब

 

अटल टिंकरिंग लैब भारत सरकार की ओर से देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार लाने के उद्देश्य से लांच की गई है, ताकि छात्र-छात्राओं को अविष्कार, नए विचार और वैज्ञानिक पहलुओं पर बढ़ावा दिया जा सके। इस लैब के जरिए थ्री डी प्रिटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स के नए तरीकों से छात्र-छात्राओं को रूबरू होने का मौका मिलेगा। इस लैब के जरिए छात्र-छात्राओं को प्राथमिक शिक्षा के दौरान ही तकनीक के आधुनिकतम प्रारूप से जुड़ने का मौका आसानी से मिल सकेगा। अटल टिंकरिंग लैब को स्थापित करने का सुझाव भारत के नीति आयोग ने केंद्र सरकार को दिया था। जिसके बाद इस लैब को देशभर के स्कूलों में पहुंचाने का काम किया जा रहा है ताकि बच्चों को प्राथमिक शिक्षा के दौरान ही तकनीकी रूप से मजबूत किया जा सके।

बेसिक शिक्षा अधिकारी रिद्धी पाण्डेय ने मीडिया को बताया कि इस तरह की लैब बनने से इनोवेशन का जज्बा रखने वाले विद्यार्थियों को मौका मिलेगा। उनकी सोच का विस्तार होगा। लैब में अति आधुनिक उपकरण प्रयोग करके कुछ नया बनाया जा सकेगा। जिले के कस्तूरबा विद्यालय समेत 12 सरकारी स्कूलों का इस लैब की स्थापना के लिए चयन किया गया है।

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